रायपुर. मरवाही विधायक अमित जोगी ने राज्य लोक सेवा आयोग (पीएससी) एवं व्यापमं की परीक्षाओं में सभी अभ्यर्थियों में संतुलन बनाये जाने इन परीक्षाओं में गणित विषय को वैकल्पिक किये जाने की मांग की है. इस संबंध में उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष केआर पिस्दा को पत्र लिखा है. पत्र में जोगी ने लिखा है कि प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख 25 हज़ार छात्र-छात्राएं लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में भाग लेते हैं. इनमें से 75,000 से 80,000 अभ्यर्थी अर्थात लगभग 60 से 65 प्रतिशत अभ्यर्थी कक्षा 12वीं में कला, वाणिज्य या विज्ञान विषयों की पढ़ाई किये हुए रहते हैं. ऐसे अभ्यर्थियों का गणित विषय से संपर्क काफी सालों से छूटा हुआ रहता है.

जोगी ने आगे कहा है कि लोक सेवा आयोग की वर्तमान परीक्षा विधि में मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में गणित विषय की परीक्षा अनिवार्य है जिस वजह से कला, वाणिज्य, विज्ञान विषयों के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत आदिवासी बच्चों को भी लोक सेवा आयोग में चयन होने में कठिनाइयां होती है. जोगी ने व्यापमं में भी लगभग यही स्थिति होने की बात कही है. अजीत जोगी के अनुसार व्यापमं की विभिन्न परीक्षाओं में प्रतिवर्ष लगभग 2 से 3 लाख लोग भाग लेते हैं, जिनमें से लगभग 60 फ़ीसदी अभ्यर्थी कला,  वाणिज्य या विज्ञान के छात्र होते हैं. व्यापमं की परीक्षाओं में भी गणित विषय अनिवार्य होने के कारण ऐसे अभ्यर्थियों  का व्यापमं में चयन नहीं हो पाता.

जोगी ने इन परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव की जरुरत को बताते हुए कहा है कि वर्ष 2012 के बाद से राज्य लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा के पाठ्यक्रम में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया गया है. विद्यार्थियों ने पिछले 3 सालों से राज्य लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं की परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में बदलाव किये जाने एवं सभी विषयों के अभ्यर्थियों के बीच संतुलन बनाये जाने राज्य लोक सेवा आयोग के समक्ष ज्ञापन सौंपा है लेकिन आयोग द्वारा इस ओर अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है.

अमित जोगी ने पीएससी के अध्यक्ष पिस्दा से निवेदन किया है कि छात्र हित को ध्यान में रखते हुए एवं सभी विषयों के अभ्यर्थियों के बीच संतुलन बनाने के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की मुख्य परीक्षा एवं व्यापमं की विभिन्न परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में गणित विषय को वैकल्पिक बनाया जाए. साथ ही इन परीक्षाओं के पाठ्यक्रम की समीक्षा कर उसे वर्तमान समय की जरूरतों के अनुसार बनाया जाए. अमित जोगी ने आशा की है कि छात्रों के हित से जुड़े इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर पीएससी अध्यक्ष त्वरित कार्यवाही करेंगे.