माता-पिता के लिए उनके बच्चे, चाहे कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं मगर, हमेशा बच्चे ही रहते हैं. बच्चे जब छोटे होते हैं, तो माता-पिता पर डिपेंटेंड होते हैं. लेकिन उम्र के साथ माता-पिता से उनकी दूरी बढ़ने लगती है. पेरेंट्स हमेशा उनके करीब रहने कि कोशिश करते हैं, लेकिन कम्युनिकेशन गेप की वजह से दूरी बनती है, बढ़ती चली जाती है.
मगर, आज हम आपको 9 मिनट फॉर्मूले के बारे में बताने जा रहे हैं बच्चों के लिए दिन के कौन-से 9 मिनट महत्वपूर्ण हैं, जिससे पेरेंट्स बच्चों के करीब रहकर उनके लाइफ में पॉजिटिविटी ला सकते हैं. तो चलिए जानते हैं.
सुबह जागने के बाद 3 मिनट बच्चे से बात करें
सुबह बच्चे के उठने के बाद सबसे पहले 3 मिनट तक आप उससे अच्छी-अच्छी बातें करें. बातें ऐसी हों, जिससे वे खुद को एनर्जेटिक महसूस करें. उन्हें पॉजीटिव फिलिंग आए. उनके साथ थोड़ी मस्ती करें. गले लगाएं. प्यार करें. ऐसा करने से लगाव बढ़ता है.
स्कूल या डे-केयर से घर आने के बाद 3 मिनट बात करें
बच्चे जब सुबह स्कूल जाने के 3-4 घंटे बाद घर वापस लौटते हैं, तो उनके साथ कम से कम 3 मिनट बिताएं. उनसे पूछें कि उनका दिन कैसे रहा? उन्होंने पूरा सीखा? इससे बच्चों के मन में एक सुरक्षित वातावरण बनता हैं. ऐसा करने से वे उत्साहित होकर स्कूल में की गई एक्टिविटी के बारे में बताते हैं. अगर, कुछ गलत भी किया है तो वे आपसे शेयर करने से कभी नहीं घबराते.
सोने से पहले 3 मिनट बच्चे से बात करें
सोने से पहले 3 मिनट बच्चे के साथ गुजारें. उनसे अच्छी बात करने या फिर उन्हें कहानी सुनाएं. एक-दूसरे को प्यार से गले लगाने जैसी गतिविधियों को अपने नाइट टाइम रूटीन में शामिल करें. ऐसा करने से वे खुद को बहुत ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं. फिर पता ही नहीं चलता कि कब उन्हें नींद आ गई. यह नींद गहरी और अच्छी होती है.
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