माले। मालदीव की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है. इस बात का खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि स्वयं राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जु ने देश की जनता के सामने किया है. लेकिन इस हालत के लिए वे पूर्ववर्ती सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए अगले दो महीने देश के लिए कठिन रहने की बात कही है. इसे भी पढ़ें : CG में महतारी वंदन योजना का माहौल : महज दो दिनों में 7 लाख से ज्यादा महिलाओं ने किया आवेदन, आप भी जानिए कैसे लें योजना का फायदा?

‘इंडिया आउट’ का नारा देकर चुनाव जीतने वाले मोइज्जू ने मंगलवार को कहा कि उनका देश कर्ज में डूबा हुआ है, कमाई उतनी नहीं है. इस कारण कोई नई विकास परियोजना शुरू करने में असमर्थ हैं. उन्होने कहा कि जनता के सामने गुमराह नहीं करना चाहते थे जो उनके प्रशासन को “विरासत में मिली” थी.

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मोइज्जू को इस बात का खुलासा इसलिए करना पड़ा क्योंकि वह उन लोगों के दबाव में थे, जो द्वीपसमूह राष्ट्र में रुकी हुई परियोजनाओं के बारे में शिकायत कर रहे थे. देश के द्वीपों में से एक गुरैधू की यात्रा के दौरान मोइज्जु ने कहा कि अगले दो महीने सबसे कठिन होंगे. यह सबसे महत्वपूर्ण समय है. जुलाई के बाद यह बहुत आसान हो जाएगा. लेकिन हम आय अर्जित करने के लिए आवश्यक काम अभी से शुरू कर रहे हैं.

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मालदीव के राष्ट्रपति ने कहा कि मैं और अधिक विकास परियोजनाएं चलाना चाहता हूं. लेकिन यही कारण है कि हम सभी रुकी हुई परियोजनाओं को शुरू नहीं कर सकते और सभी द्वीपों में एक साथ नई परियोजनाएं शुरू नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि वह लोगों से यह नहीं कह सकते कि वह एक ही समय में सभी के अनुरोधों को पूरा करेंगे.

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आईएमएफ और विश्व बैंक से कर रहे बात

अपने भारत विरोधी रुख को लेकर देश की विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना कर रहे मोइज्जू ने कहा कि उन्होंने विश्व बैंक और आईएमएफ के अधिकारियों से मुलाकात की और वे इस बात पर सहमत हुए कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार का समाधान सरकार की नीतियों को लागू करना है.