रायपुर। मालेगांव ब्लास्ट केस में करीब 17 साल बाद आज विशेष NIA अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। फैसले के बाद देशभर से राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने आधिकारिक ‘X’ (पूर्व Twitter) अकाउंट पर लिखा- “न हिन्दुः पतितो भवेत्। सत्यमेव जयते।”, अर्थात्: किसी भी हिन्दू को गिरना नहीं चाहिए। सत्य की सदैव विजय होती है।

कोर्ट ने कहा- दोषी साबित करने के लिए होने चाहिए ठोस सबूत
बता दें कि मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को धमाका हुआ था। इसमें 6 लोग मारे गए थे और करीब 100 लोग घायल हुए थे। करीब 17 साल बाद आए फैसले में जज ए.के. लाहोटी ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामला साबित करने में विफल रहा, आरोपी को संदेह का लाभ मिलना चाहिए। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, क्योंकि कोई भी धर्म हिंसा की वकालत नहीं कर सकता। अदालत केवल धारणा और नैतिक सबूतों के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहरा सकती, इसके लिए ठोस सबूत होने चाहिए।
मालेगांव ब्लास्ट केस में 7 मुख्य आरोपी
मालेगांव ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपियों में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी शामिल थे।
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