जशपुर। जिले में सरकारी खर्च पर बंधुआ मजदूरी कराने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. ये मामला दुलदुला सरकारी उद्यान का है. यहां के माली ने आरोप लगाया है कि विभाग के 2 आला अधिकारियों ने सरकारी उद्यान के अंदर पार्टनरशिप में डेयरी खोलकर रखा है और यहां के मजदूर उद्यान में काम नहीं करके डेयरी में काम करते हैं. माली अनंत राम ने ये भी बताया कि दोनों अधिकारी मजदूरों से खटाल की गायों को चराने, चारा खिलाने और दूध बेचने तक का काम करवाते हैं.
माली का कहना है कि अघोषित बंधुआ मजदूरी के खिलाफ मजदूर आवाज नहीं उठा पाते हैं. वहीं जो आवाज उठाते हैं, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है. माली अनंत ने इसकी शिकायत कलेक्टर और मुख्यमंत्री से भी की है.
माली अनंत राम ने दुलदुला उद्यानिकी विभाग के अधीक्षक चैलाल टेमरे और सहायक संचालक राम अवध सिंह भदौरिया पर पार्टनरशिप में डेयरी चला रहे हैं. उसने बताया कि डेयरी में करीब 10 गायें हैं और दुलदुला उद्यान के सभी 5 सरकारी मजदूरों से डेयरी के काम हर दिन कराए जाते हैं.
दुलदुला उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप
माली अनंत राम ने कहा कि जब उसने बेगार कराने को लेकर सवाल उठाए, तो उसे हटाने की धमकी दी जाने लगी. और अंत में उसका तबादला कोरिया करवा दिया गया.
उसने ये भी बताया कि गायों के कारण हर दिन 70 से 80 बेशकीमती पौधों का भी नुकसान होता है. हर पौधे की कीमत 30 से 40 रुपए के करीब है.
कलेक्टर और मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार
माली अनंत राम ने कलेक्टर और मुख्यमंत्रीडॉ रमन सिंह से मांग की है कि डेयरी को अवैध करार देते हुए गायों को सरकारी संपत्ति घोषित किया जाए.
दोनों अधिकारी के बयानों में अंतर
वहीं जब लल्लूराम की टीम ने दुलदुला उद्यान अधीक्षक चैनलाल टेमरे से बात की, तो उन्होंने माली के सभी आरोपों को निराधार बताया. उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई डेयरी फॉर्म नहीं खोला है और न तो कोई निजी व्यापार चला रहे हैं. इधर सहायक संचालक अवध सिंह भदौरिया ने माना कि यहां निजी कारोबार चल रहा है और इसे तत्काल बंद करने का सरकारी नोटिस मिला है. गाय नहीं हटाने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात भी कही है.
हालांकि माली द्वारा डेयरी कारोबार में पार्टनरशिप की बात को भदौरिया ने निराधार बताया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टनरशिप होती, तो फिर वे इसे बंद करने का नोटिस क्यों जारी करते.