कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शनिवार को सीपीएम और कांग्रेस पर त्रिपुरा के नतीजों को लेकर जमकर बरसीं. ममता ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने बीजेपी को त्रिपुरा में ऑक्सीजन मुहैया कराया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इन नतीजों की ज़िम्मेदारी लेनी पड़ेगी. ममता ने कहा कि उन्होंने बीजेपी को हरानेक के लिए खुद एक सामान्य प्लेटफार्म बनाने का न्यौता दिया था. लेकिन इसे खारिज कर दिया गया. उन्होंने ये बात मीडियाकर्मियों से बातचीत में कही.

ममता ने आरोप लगाया है कि चुनाव में बीजेपी ने बड़ी तादात में पैसों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने बाहर से लोगों को बुलाया और केंद्रीय बलों का इस्तेमाल चुनाव कराने में किया. उन्होंने कहा कि एंटी इनकंबेंसी सामान्य बात है. लेकिन कांग्रेस ने सरेंडर कर दिया. अगर कांग्रेस गंभीरता से लड़ती तो बीजेपी 10 सीटों पर सिमट जाती.
ममता बनर्जी ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रुप से राहुल गांधी से व्यक्तिगत तौर पर सामने आकर कांग्रेस, तृणमूण और आदिवासी पार्टियों को एक साथ मिलकर लड़ने को कहा. उन्होंने बताया कि इस संबध में उन्होंने सीट शेयरिंग का प्रस्ताव भी कांग्रेस के सामने रखा. उन्होंने राहुल गांधी को ऑफर दिया था कि 30 सीटों पर कांग्रेस लड़े, 14 पर तृणमूल और बाकी 16 सीटों पर स्थानीय पार्टियां. ये बीजेपी से लड़ने के लिए बढ़िया प्लेटफॉर्म होता लेकिन राहुल गांधी ने पूरी तरह इसकी अनदेखी की. ममता ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि किसकी सलाह पर राहुल गांधी ने उनकी बात नहीं मानी. लेकिन अब देखिए हम कहां खड़े हैं.
बीजेपी ने कहा कि त्रिपुरा के नतीजों से बीजेपी ज़्यादा खुश ना हो. उसे राजस्थान की हार का ख्याल रखना चाहिए. उन्हें याद रखना चाहिए कि मेघालय वो नहीं जीत पाए. ममता ने कहा कि बीजेपी कर्नाटक का चुनाव भी हारेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए बंगाल और ओड़िसा जीतना दिवास्वप्न है.
उन्होंने त्रिपुरा के नतीजों पर कहा कि ये बीजेपी की जीत नहीं बल्कि सीपीएम की हार है. उनके अहंकार की हार. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी फिर से त्रिपुरा में काम करना शुरु करेगी.