मनेंद्र पटेल, दुर्ग। जिला अस्पताल में एक बार फिर मरीज के इलाज में लापरवाही देखने को मिली. चूहा मार दवा खाने की वजह से अस्पताल में भर्ती युवक के लिए डिस्चार्ज से पहले लगाया गया इंजेक्शन जानलेवा साबित हुआ. युवक की सकुशल घर वापसी का इंतजार कर रहे परिजनों के साथ मोहल्लेवालों ने मौत की खबर सुनकर अस्पताल में हंगामा मचा दिया. अस्पताल प्रबंधन के मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आश्वासन पर परिजन शांत हुए.

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जानकारी के अनुसार, दुर्ग के सिद्धार्थनगर में रहने वाले युवक प्रभात सूर्या ने चूहा मारने की दवाई खा ली थी. युवक की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. देर रात तक उपचार चलता रहा. युवक की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने परिजनों को आश्वस्त किया कि हालत खतरे से बाहर है. लेकिन बुधवार सुबह अचानक हालात बदल गए.

परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने उल्टी कराने के लिए इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद ही प्रभात की तबीयत तेजी से बिगड़ने लगी और अस्पताल स्टाफ ने युवक की मौत की सूचना दी. यह सुनकर परिजन स्तब्ध रह गए और मोहल्लेवालों के साथ अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया. मृतक के भाई निखिल सूर्या ने आरोप लगाया कि यदि समय पर सही इलाज दिया जाता तो जान बचाई जा सकती थी.

परिजनों के हंगामे के बीच अस्पताल में इलाज कराने आए अन्य मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा. स्टाफ कामकाज छोड़कर चले जाने की वजह से मरीज ओपीडी पर्ची कटाने के लिए घंटों इंतजार करते रहे. इस बीच अस्पताल प्रबंधन पूर्व विधायक अरुण वोरा की मौजूदगी में परिजनों को मामले की जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है. वहीं अस्पताल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है.

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