Mangala Gauri Vrat Upay : सावन में सभी मंगलवार का विशेष महत्व होता है. मंगला गौरी व्रत को सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्या दोनों ही रखती हैं. इस व्रत में माता पार्वती से आशीर्वाद मिलता है.मंगला गौरी व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी बताया गया है. आज 13 अगस्त को सावन का आखिरी मंगला गौरी व्रत रखा जा रहा है.
मंगला गौरी व्रत के दिन कुछ विशेष उपाय करने से कुंडली में मौजूद मंगल दोष से मुक्ति मिल सकती है. कुंवारी कन्याओं के शीघ्र विवाह का योग बनता है. भाग्य से जुडे़ होने की वजह से विवाहिता भी शिव गौरी और हनुमान जी की पूजा उपासना करती हैं.
परिवार की सुख समृद्धि के लिए करना चाहिए व्रत (Mangala Gauri Vrat Upay )
मंगला गौरी व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है. साथ ही घर परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे. इसके लिए भी यह व्रत रखा जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से जीवनसाथी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं. इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है. यदि किसी कन्या के विवाह में बाधाएं आ रही है. मांगलिक दोष है, तो वह भी इस व्रत को रख सकते हैं.
मंगला गौरी व्रत को करने की विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और माता गौरी के सामने घी का दीपक जलाकर रखें. इसके बाद पति और पत्नी दोनों मिलकर भगवान शिव को पहले वस्त्र अर्पित करें इसके बाद माता गौरी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. धूप, दीप, नैवेद्य आदि चढ़ाएं. इसके बाद दोनों पति पत्नी माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा करें. अंत में मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ भी करें. व्रत का पारण रात में चंद्र दर्शन के बाद किया जाता है.शाम में आप फलाहार कर सकते हैं.
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