सुनील जोशी,अलीराजपुर। 15 सौ से अधिक आदिवासियों के बलिदान स्थल को स्मारक घोषित करवाने की मांग को लेकर शिवगंगा के नेतृत्व में एमपी के भील आदिवासी मानगढ़ रवाना हुए। गुजरात और राजस्थान प्रदेश की सीमा पर स्थित मानगढ़ में कल 1 नवम्बर को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। प्रधानमंत्री की सभा में सम्मिलित होने के लिए अलीराजपुर जिले से लगभग 165 वाहनों में सवार होकर आदिवासी भील समुदाय के लोग रवाना हुए हैं। जिले के सभी लोग चंद्रशेखर आजाद नगर में एकत्रित हुए और वहां से एकसाथ विभिन्न वाहनों से मानगढ़ के लिए रवाना हो गए।
बता दें कि मानगढ़ वही स्थान है जहां पर 17 नवम्बर 1913 में आदिवासियों द्वारा देश की आजादी, स्वदेशी सामान अपनाने और कर (टैक्स) नहीं देने का विरोध किया था। विरोध कर रहे आदिवासियों पर तात्कालीन अंग्रेज सरकार द्वारा अंधाधुंध गोलियां चलाकर उन्हें मार दिया गया था। यह भी बताया जाता है कि मानगढ़ वह स्थान है जहां जलियांवाला बाग से भी बड़ा हत्याकांड हुआ था। इस स्थान और घटना को आज तक इतिहास में ज्यादा महत्व नहीं दिया गया। अब आदिवासी समुदाय जागृत हो गया है और पीएम मोदी की मौजूदगी में स्मारक स्थल घोषित करने की आवाज बुलंद करेंगे।
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