मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में भारत-म्यांमार सीमा के नजदीक शुक्रवार सुबह अज्ञात सशस्त्र आतंकियों ने असम राइफल्स की तीसरी बटालियन की पेट्रोलिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला बोल दिया। यह घटना सीमा स्तंभ (बॉर्डर पिलर) नंबर 85 से 87 के आसपास सेबोल (साइबोल) गांव के पास हुई, जो राज्य की राजधानी इम्फाल से लगभग 100 किलोमीटर दूर पूर्वी दिशा में स्थित है। अचानक हुई इस गोलीबारी में चार जवान घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को हेलीकॉप्टर से इम्फाल के एक अस्पताल में पहुंचाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
क्या है पूरा मामला ?
घटना शुक्रवार सुबह करीब 4:30 बजे की है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, असम राइफल्स की पेट्रोलिंग पार्टी सीमा क्षेत्र में नियमित गश्त पर थी। अचानक जंगल और पहाड़ी इलाके से छिपे हुए सशस्त्र हमलावरों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। हमलावरों के पास आधुनिक हथियारों के साथ-साथ विस्फोटक (बॉम्ब) भी थे, जिसे जवानों पर इस्तेमाल किया गया। गोलीबारी लगभग 30 मिनट तक चली।असम राइफल्स के जवानों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, लेकिन उन्होंने नियंत्रित और सतर्क फायरिंग का सहारा लिया ताकि आसपास के नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे। हमलावरों ने भारी गोलीबारी के बाद भागने की कोशिश की और म्यांमार की सीमा पार कर भाग निकले। इस दौरान कोई आतंकी मारा गया या पकड़ा जाने की पुष्टि नहीं हुई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमलावर संभवतः म्यांमार से घुसपैठिए थे, जो सीमा के रास्ते सक्रिय हैं।”
सर्च ऑपरेशन शुरू
जानकारी के अनुसार, घटना की सूचना मिलते ही अतिरिक्त सुरक्षा बलों को रवाना किया गया। असम राइफल्स और भारतीय सेना की संयुक्त टीमें मौके पर पहुंचीं, जिसके बाद पूरे क्षेत्र को घेराबंदी कर लिया गया। वर्तमान में व्यापक सर्च ऑपरेशन चल रहा है, जिसमें कंबिंग, कॉर्डन एंड सर्च जैसी कार्रवाइयां शामिल हैं। सीमा पर अतिरिक्त टुकड़ियों को तैनात किया गया है ताकि किसी भी घुसपैठ को रोका जा सके। सुरक्षा एजेंसियां स्थिति पर कड़ी नजर रख रही हैं।
संदिग्ध संगठन और जिम्मेदारी
अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा बलों को शक है कि यह संयुक्त कुकी नेशनल आर्मी (यूएनकेए) या अन्य सीमा-पार सक्रिय उग्रवादी गुटों का काम हो सकता है। मणिपुर-म्यांमार सीमा पर ऐसे हमले आम हैं, जहां विद्रोही समूह हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी करते हैं। पिछले कुछ महीनों में इसी क्षेत्र में कई घुसपैठ की घटनाएं दर्ज की गई हैं। उदाहरण के लिए, अगस्त 2025 में इसी सीमा पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के चार कैडरों को असम राइफल्स ने गिरफ्तार किया था।
क्षेत्रीय संदर्भ और सुरक्षा चुनौतियां
मणिपुर भारत-म्यांमार सीमा पर 398 किलोमीटर लंबी खुली सीमा साझा करता है, जो चंदेल, तेंगनौपाल, उखरुल और चुराचांदपुर जिलों में फैली हुई है। यह क्षेत्र जातीय तनावों, उग्रवाद और तस्करी का केंद्र रहा है। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से सीमा पार उग्रवादियों की घुसपैठ बढ़ गई है। असम राइफल्स यहां केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन सीमा सुरक्षा का प्रमुख दायित्व निभा रही है।पिछले वर्षों में इसी तरह के हमलों में कई जवान शहीद हो चुके हैं। 2023 में तेंगनौपाल में ही एक आईईडी विस्फोट में असम राइफल्स का वाहन निशाना बना था। वर्तमान घटना मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्षों के बीच और चिंता बढ़ाने वाली है, जहां सुरक्षा बलों पर लगातार निशाना साधा जा रहा है।
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