नई दिल्ली . दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. दरअसल, सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
मनीष सिसोदिया को इसी साल 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 9 मार्च को ईडी ने उन्हें अपनी गिरफ्त में लिया था. दोनों एजेंसियों की ओर से कई बार रिमांड पर पूछताछ के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया था. पूर्व आबकारी मंत्री निचली अदालत से हाई कोर्ट तक में कई बार जमानत याचिका दायर की, लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिली है.
मनीष सिसोदिया की पत्नी सीमा सिसोदिया की तबीयत लगातार बिगड़ रही है. तबीयत का हवाला देते हुए सिसोदिया ने जमानत की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें पत्नी से मिलने की इजाजत दी गई थी. उनकी पत्नी ऑटोइम्यून डिस्ऑर्डर से पीड़ित हैं. कुछ दिन पहले ही तबीतय खराब होने के बाद सीमा सिसोदिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पिछले कुछ हफ्ते में सीमा सिसोदिया (49) को तीसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पिछले दिनों हाई कोर्ट ने यह कहते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया कि आरोप बेहद गंभीर हैं. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सिसोदिया प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्हें जमानत मिलने से सबूतोंं से छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की पेशी को लेकर दिल्ली पुलिस ने अदालत में एक याचिका लगाई थी. इस याचिका में अदालत के समक्ष यह गुहार लगाई गई थी कि सिसोदिया की सुरक्षा को देखते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में उनकी पेशी का आदेश दिया जाए. इसपर अदालत से दिल्ली पुलिस को झटका लगा है.सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील ने दलील दी कि यह मनीष सिसोदिया का अधिकार है कि वो सुनवाई के दौरान सशरीर खुद वहां मौजूद रहें. आरोपी के कोर्ट में पेश होने के अधिकार को खत्म नहीं किया जा सकता है. सुनवाई के बाद जज ने आदेश दिया कि सिसोदिया को अदालत के समक्ष सशरीर ही पेश किया जाएगा. इस मामले में अगली सुनवाई 31 जुलाई को होगी.