उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सीएलडीपी ने एक बेहतर एजुकेशन ईको सिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इसने शिक्षा को नए मुकामों तक पहुंचाया है, लेकिन अब इससे आगे काम करने की जरूरत है. अब इसे री-थिंक करने की ज़रूरत है. उन्होंने कहा कि एजुकेशन लीडरशिप को अब केवल स्कूलों के क्लस्टर तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि उससे बाहर निकलकर कम्युनिटी के साथ भी जोड़ना है. इसके लिए हमारे स्कूल प्रमुखों को एजुकेशन लीडर के रूप में भूमिका निभानी होगी. इससे न केवल एक क्लस्टर के स्कूलों को फायदा होगा, बल्कि उस क्लस्टर के भौगौलिक दायरे में रहने वाले बाकी लोगों को भी फायदा होगा और पूरे क्षेत्र में शिक्षा को लेकर माहौल बनेगा.
इस अवसर पर स्कूल प्रमुखों ने ट्रेनिंग प्रोग्राम से सीखे अपने अनुभवों को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के साथ साझा करते हुए बताया कि इस ट्रेनिंग से पहले स्कूल में आने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढ पाना काफी मुश्किल होता था, लेकिन अब वे किसी भी समस्या को अपने क्लस्टर के दूसरे साथी स्कूल प्रमुखों के साथ साझा करते हैं और उन्हें बहुत जल्द ही उसका समाधान भी मिल जाता है. इस ट्रेनिंग ने स्कूल प्रमुखों को एक दूसरों के अनुभवों से सीखने का मौका दिया है, जिससे स्कूल प्रमुखों ने बेहतर ढंग से विद्यालयों को मैनेज किया है. इससे टीचिंग-लर्निंग एक्टिविटीज के लिए अब ज्यादा समय मिल पाता है.
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क्लस्टर लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहां वे अपने साथियों से स्कूल मैनेजमेंट, रोजमर्रा में स्कूल में आने वाली परेशानियों को आपसी चर्चा के माध्यम से दूर कर सकते हैं. सीएलडीपी से स्कूल प्रमुखों को स्कूल मैनेजमेंट को लेकर नए आइडियाज, इनोवेशन और रोजमर्रा के दिनों में स्कूल में आने वाली समस्याओं का समाधान मिलता है.