नई दिल्ली। मानसून इस बार तय समय से तीन दिन पहले ही केरल पहुंच गया है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून आज केरल तट पर पहुंच चुका है. मानसून के आने से पहले ही केरल में जमकर बारिश हो रही थी. अब मानसून के बाद भारी बारिश की आशंका है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक समाचार पत्र को बताया कि दक्षिण-पश्चिम मानसून ने केरल में रविवार, 29 मई को दस्तक दे दी है, जबकि सामान्य तिथि 1 जून से शुरू होती है. हालांकि, मानसून असामान्य तरीके से 16 मई को ही अंडमान-निकोबार में पहुंच गया था. चक्रवात असनी के चलते इसके तेजी से आगे बढ़ने की आशंका थी. हालांकि, मानसून के उत्तर भारत में शीघ्र सक्रिय होने पर संशय बरकरार है.

शुरुआत की सभी शर्त हो रही पूरी

वहीं मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने बताया कि मानसून के मध्य अरब सागर के अधिकांश क्षेत्र को कवर करने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. उन्होंने बताया मानूसन की शुरुआत की सभी शर्तें पूरी होती हैं. यह दक्षिण अरब सागर, लक्ष्यद्वीप और केरल के अधिकांश हिस्सों में आगे बढ़ेगा. इसके अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, बंगाल की खाड़ी और पूर्वोत्तर राज्यों के अधिक से अधिक हिस्सों को भी कवर करेगा.

12 जून तक छत्तीसगढ़ पहुंचने के थे आसार

मौसम विभाग की ओर से पूर्व में की गई भविष्यवाणी के अनुसार, मानसून केरल, तमिलनाडु, आँध्रप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र को पार करने के बाद करीबन 12 जून को छत्तीसगढ़ के दक्षिण हिस्से में प्रवेश करता और आठ दिनों के अंतराल में बस्तर से लेकर सरगुजा तक पूरे प्रदेश को तरबतर कर देता. लेकिन जिस गति से मानसून आगे बढ़कर रुकने के आसार जताए जा रहे हैं, उससे प्रदेश में मानसून के आगमन को लेकर उहापोह की स्थिति निर्मित हो गई है. मौसम वैज्ञानिक स्थिति पर नजर गड़ाए हुए हैं.