नई दिल्ली। UGC द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय में 2 साल पहले सेकेंड ट्रांच के पदों को भरने के निर्देश दिए गए थे, बावजूद इसके कुछ कॉलेजों ने आज तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं की है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कई लेक्चरर अब इसके खिलाफ आज 16 दिसंबर से डीयू की आर्ट्स फैकल्टी पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रहे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स फोरम के तत्वावधान में ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) की बकाया शिक्षकों के पदों को भरवाने की मांग को लेकर टीचर्स फोरम के महासचिव डॉ हंसराज सुमन अपने साथियों सहित आज 16 दिसंबर से डीयू की आर्ट्स फैकल्टी पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ रहे हैं. धरने का नेतृत्व टीचर्स फोरम के महासचिव और पूर्व विद्वत परिषद सदस्य डॉ हंसराज सुमन और अध्यक्ष डॉ केपी सिंह करेंगे. उनके साथ धरने पर बहुत से शिक्षक बैठेंगे.

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यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) ने दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों को 19 सितंबर 2019 को एक सर्कुलर भेजकर ओबीसी एक्सपेंशन के सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) की बकाया शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति करने के आदेश दिए थे. ओबीसी कोटे के शिक्षक पदों की दूसरी किस्त जारी किए जाने पर कुछ कॉलेजों ने इन पदों पर एडहॉक टीचर्स की नियुक्ति कर ली, लेकिन बहुत से कॉलेजों ने इन पदों पर आज तक नियुक्ति नहीं की और न ही इन पदों को रोस्टर में शामिल कर विश्वविद्यालय प्रशासन से पास कराकर विज्ञापित किया.

 

पिछड़े वर्गों के शिक्षकों में गहरा रोष

टीचर्स फोरम के महासचिव डॉ हंसराज सुमन ने बताया है कि पिछले दो साल से कॉलेजों द्वारा सेकेंड ट्रांच के पदों को न भरने पर दलित, पिछड़े वर्गों के शिक्षकों में गहरा रोष व्याप्त है. डॉ हंसराज सुमन ने बताया है कि यूजीसी के निर्देश के बावजूद कुछ कॉलेजों ने सेकेंड ट्रांच के पदों को अपने रोस्टर रजिस्टर में जोड़ा तक नहीं है. उन्होंने बताया है कि बहुत से कॉलेजों की स्टाफ एसोसिएशन और स्टाफ काउंसिल ने इन पदों को रोस्टर रजिस्टर में जोड़े जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था, फिर भी रोस्टर में इन पदों को शामिल नहीं किया गया और न ही इन पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू किया गया.

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टीचर्स फोरम के अध्यक्ष डॉ केपी सिंह ने बताया कि एडहॉक शिक्षकों के बीच यह डर पैदा किया जा रहा है कि सेकेंड ट्रांच के पदों को रोस्टर में जोड़े जाने से लम्बे समय से कॉलेजों में पढ़ा रहे एडहॉक शिक्षक नौकरी से हटा दिए जाएंगे, जबकि ऐसा नहीं है. उन सभी एडहॉक शिक्षकों को सेकेंड ट्रांच के रोस्टर के अंतर्गत शामिल (एकमोडेट) किया जाता है. डॉ सिंह का कहना है कि सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) के अंतर्गत दिए गए ओबीसी कोटे के शिक्षकों के पद स्थायी नियुक्ति होने तक इन्हें एडहॉक नियुक्तियों के माध्यम से भरा जाना चाहिए. अगर इन पदों को गेस्ट टीचर्स द्वारा भरा जाता है, तो कॉलेज या संस्थान पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. ऐसी प्रक्रिया न सिर्फ शिक्षकों के हितों के खिलाफ होगी, बल्कि शिक्षण मानकों से भी समझौता करेगी.

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ओबीसी कोटे से बढ़ी सेकेंड ट्रांच (दूसरी किस्त) के पदों को लागू होने से कॉलेजों में सीटों का इजाफा होगा. सबसे ज्यादा सीटें जिन कॉलेजों में बढ़ेंगी, उनमें जाकिर हुसैन कॉलेज, दयाल सिंह कॉलेज, देशबंधु कॉलेज, रामजस कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज, गार्गी कॉलेज, आत्माराम सनातन धर्म कॉलेज, शिवाजी कॉलेज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज, पीजीडीएवी कॉलेज, हंसराज कॉलेज और वेंकटेश्वरा कॉलेज शामिल हैं.