अंबिकापुर. राजस्थान राज्य विद्युत् उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के परसा ईस्ट केते बासेन (पीईकेबी) खुली खदान के आश्रित ग्रामों में सामाजिक सरोकारों के तहत इस साल अदाणी फाउंडेशन द्वारा किसानों के लिए चलाए जा रहे प्रोजेक्ट अन्नपूर्णा के तहत ग्राम घाटबर्रा और फत्तेपुर और परसा में धान के बीजों को वितरण किया गया है. ग्राम पंचायत घाटबर्रा के परोगिया वार्ड संख्या तीन और चार के 32 आदिवासी किसानों को US-312 और गोरखनाथ किस्म के धान के बीज वितरित किए गए. ग्राम के निर्वाचित पंच क्रमशः सुमारी बाई और पंचू राम के उपस्थिति में बीज का वितरण किया गया.

वहीं, दूसरी ओर ग्राम परसा स्थित महिला उद्यमी बहुउद्देशीय सहकारी समिति (मब्स) की महिलाओं द्वारा प्रोजेक्ट माहवारी सुरक्षा अभियान और स्वछता जागरूकता के लिए ग्राम हरिहरपुर, साल्हि, घाटबर्रा और फत्तेपुर में कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें मब्स की पदाधिकारियों द्वारा स्थानीय ग्रामीणों को ग्राम स्वच्छता के लिए जागरूक किया. वहीं किशोरियों को माहवारी सुरक्षा के लिए सेनेटरी पैड्स के इस्तेमाल के लिए प्रेरित किया गया. स्थानीय सहकारी समिति मब्स की महिलाओं द्वारा बनाये गए उत्पादों जैसे हैंडवाश, फिनाइल और सनेटेरी पैड्स के विपणन और इस्तेमाल के लिए खुदरा दुकान की श्रंखला में ग्राम शिवनगर में एक नए दुकान की शुरूआत की गई. इस तरह ग्राम परसा, साल्हि और हरिहरपुर में भी क्रमशः मब्स की अमिता सिंह, वेदमती उइके और बंधन पोर्ते द्वारा उक्त चीजों की जानकारी देकर अपने समिति में बने उत्पादों का विपणन और बिक्री किया और सभी को शिक्षा के महत्व को बताया गया.

उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) और अदाणी फाउंडेशन की पहल से पिछले 10 सालों में छत्तीसगढ़ के सुरगुजा जिले के परसा गांव के किसानों ने कृषि के आधुनिक तकनीकों को सीखकर आज आर्गेनिक फार्मिंग को अपनाकर शहरी उपभोक्ताओं को उन्नत किस्म के खाद्यान तथा सब्ज़िया मुहैया तो कराया ही हैं. साथ ही अपनी आमदनी को भी दुगना किया है. आंकड़ों के हिसाब से सिर्फ परसा गांव में 200 से अधिक किसान एक साल पहले तक 60,000 – 65,000 रूपए हुआ करती थी आजकल आर्गेनिक फार्मिंग के जरिये अपनी सालाना आय को दुगना कर चुके हैं. अपनी बढ़ी हुई आमदनी से अपने परिवार के लिए कई तरह की सुविधाओं को जुटाने में सक्षम हो रहे हैं. इस प्रगतिशील पहल को स्थानीय प्रशासन ने तो सराहा ही है, साथ में इस प्रयोग को देखने समझने के लिए अब दूर-दूर से जागरूक किसान परसा आने लगे है.

परसा की तरह ही आरआरवीयूएनएल और अदाणी फाउंडेशन प्रदेश के बाकी कई जगहों पर सामाजिक उत्थान के काम में लगे हुए हैं. इनके मिले हुए प्रयासों से छत्तीसगढ़ के चौतरफा विकास में काफी सहयोग मिल रहा है. जहाँ एक तरफ किसान लाभान्वित हो रहे हैं, वहीँ स्कूलों के माध्यम से बच्चो को उन्नत शिक्षा का अवसर मिल रहा है और महिलाओं का भी सशक्तिकरण हो रहा है.