अंकुर तिवारी, झारखंड। झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ पर माओवादियों के जनमुक्ति छापामार सेना यानी पीएलजीए के सक्रिय सदस्य अरविंद जी की बुधवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई है. लेकिन पुलिस को उसका शव नहीं मिला है. झारखंड में हिंसक नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला यह शीर्ष नक्सली नेता अब इस दुनिया में नहीं है। सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ सीपीआई माओवादी का केंद्रीय सदस्य देव कुमार सिंह उर्फ अरविंद जी की तलाश 9 राज्यों की पुलिस कर रही थी।
अरविंद जी की मौत के बाद बूढ़ा पहाड़ पर सक्रिय कुख्यात माओवादी सुधाकरण को अरविंद की जगह मिलेगी। जंगल से मिल रही खबर के अनुसार कुख्यात माओवादी अरविंद जी की मौत हो जाने के बाद अब संगठन की कमान कुख्यात माओवादी सुधाकरण को मिलेगी। इसके लिए जल्दी ही एक बैठक झारखंड में होगी। इसमें कई राज्यों के बड़े नक्सली नेता जुटेंगे। बूढ़ा पहाड़ पर सुधाकरण के साथ उसकी पत्नी नीलिमा की मौजूदगी की खबर है।
माओवादी अरविंद जी डेढ़ करोड़ का इनामी था। उसपर झारखंड ने एक करोड़, बिहार ने पांच लाख और छत्तीसगढ़ ने करीब 40 लाख का इनाम घोषित कर रखा था। महाराष्ट्र सरकार ने भी उसपर इनाम रखा था। अरविंद जी साल 2011 में सेंट्रल कमेटी का सदस्य बनकर झारखंड आया। उसने बूढ़ा पहाड़ को ठिकाना बनाया। मार्च 2016 में आंध्र प्रदेश का कुख्यात माओवादी सुधाकरण भी अपनी पत्नी नीलिमा के साथ लातेहार आया। झारखंड पुलिस ने आईजी अभियान आशीष बत्रा की देखरेख में इन दोनों के खिलाफ अभियान तेज किया तो अरविंद लातेहार के कुमंडी जंगल पहुंचा। वर्ष 2013 में मुठभेड़ में 11 जवानों की हत्या कर पहली बार चार जवानों के पेट चीरकर उसमें बम प्लांट कर दिया था। इसके बाद झारखंड पुलिस ने इन दोनों को पकड़ने के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी।
झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एडीजी अभियान आर के मल्लिक ने कहा कि अरविंद के मरने की सूचना मिली है। उसकी पुष्टि कराई जा रही है। वहीं एक आला पुलिस अधिकारी ने कहा कि अरविंद की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस ने हालांकि स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि अरविंदजी पढ़ा-लिखा और तकनीकी विशेषज्ञ था। वह मधुमेह समेत कई बीमारियों से ग्रस्त था। सुरक्षा बलों पर हुए कई हमलों के पीछे उसका शातिर दिमाग था। इस नक्सली कमांडर के नेतृत्व या दिशा-निर्देश में पुलिस बलों पर 50 से अधिक हमले किये गये।
जहानाबाद में होगा अंतिम संस्कार
बिहार के जहानाबाद निवासी अरविंद जी भाकपा माओवादी पोलित ब्यूरो का सदस्य था। उस पर 150 से अधिक मामले दर्ज हैं। नौ राज्यों की पुलिस को उसकी तलाश थी। फिलहाल लातेहार, गुमला, लोहरदगा, गढ़वा और पलामू इलाके में सक्रिय था। आशंका है कि माओवादी उसके शव को जहानाबाद ले जा सकते हैं। इसे देखते हुए झारखंड पुलिस ने बिहार पुलिस को अलर्ट कर दिया है।
ऐसे मारा गया अरविंद जी
अरविंद पिछले कुछ दिनों से बीमार था। संगठन बूढ़ा पहाड़ पर ही उसका इलाज करा रहा था। बुधवार को तबियत बिगड़ने के बाद सुबह 10 बजे उसे ऑक्सीजन लगाया गया। कुछ देर बाद ही सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत की। और कुछ देर बाद ही हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई।