पंकज सिंह, दंतेवाड़ा। नक्सलियों की खोखली विचारधारा से मोहभंग होने और राज्य सरकार की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर आठ लाख के इनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण कर दिया. नक्सलियों के प्लाटून न 024 के डिप्टी कमाण्डर प्रदीप उर्फ भीमा कुंजाम को समाज की मुख्य धारा में लौटने पर सरकार की ओर से दस हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी गई.
निवासी जबेली, थाना अरनपुर 25 वर्षीय प्रदीप उर्फ भीमा कुंजाम ने पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा डॉ अभिषेक पल्लव ( भापुसे), उप पुलिस महानिरीक्षक ( परि. ) सीआरपीएफ डीएन लाल के समक्ष आत्मसर्मपण किया. वहीं नक्सली को आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित करने में दन्तेवाड़ा एएसपी राजेन्द्र जयसवाल, किरन्दुल एसडीओपी देवांश राठौर, अरनपुर थाना प्रभारी पुरुषोत्तम ध्रुव और सीआरपीएफ कैम्प पालनार, कोंडापारा के सहायक सेनानी रणधीर प्रताप और विनय कुमार सिंह का योगदान रहा.
प्रदीप 26 जन 2011 को थाना किरन्दुल क्षेत्रांतर्गत पटेलपारा किरन्दुल मार्ग से पेट्रोलिंग पर निकली पुलिस पार्टी पर बम विस्फोट कर एक निरीक्षक डीएन नागवंशी सहित 03 आरक्षक शहीद करने, वर्ष 2012 में माउंदा नाला के पास अन्य माओवादी साथियों के साथ मिलकर एंटी लैण्ड माइन व्हीकल को उड़ाने, 13 मई 2012 को थाना किरन्दुल क्षेत्रांतर्गत एनएमडीसी के पास पेट्रोलिंग पर निकली सीआईएसएफ वाहन को बम विस्फोट से उड़ाने की घटना में शामिल था, जिसमें 05 सीआईएसएफ जवान एवं 01 सिविलियन शहीद हुए थे. इसके अलावा वर्ष 2016 में बुर्कापाल जिला सुकमा में 25 CRPF जवान की एम्बुश लगाकर हत्या करने की घटना में शामिल था.