Margashirsha Amavasya 2023: रायपुर. 12 दिसंबर को मार्गशीर्ष माह और इस साल की आखिरी अमावस्या है. मंगलवार को अमावस्या होने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है, इस योग को भौमवती अमावस्या कहा जाता है. पितृ पूजन के साथ मंगल ग्रह की शांति के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या बहुत खास मानी जा रही है.
मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितृ पूजन विधि (Margashirsha Amavasya 2023)
पितरों के लिए तर्पण और धूप देना चाहिए. साथ ही पंचबलि भोग निकालें और ब्राह्मण भोजन कराएं. इसके बाद यथाशक्ति कपड़े, खाना, तिल, गुड़ या नमक का दान करें. मान्यता है इससे पितर खुश होकर परिवार जन को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं.
मंगल ग्रह की पूजा का खास दिन (Margashirsha Amavasya 2023)
साल में मंगलवार और अमावस्या के योग बहुत कम देखने को मिलता है. इसे भौमावस्या कहा जाता है. इस दिन मंगल ग्रह की भात पूजा और हनुमान जी की उपासना करने से रोग खत्म होते हैं, कर्ज से छुटकारा मिलता है. भौमवती अमावस्या भात पूजा में उबले चावल से शिवलिंग का श्रृंगार की जाता है और विधिवत पूजा की जाती है. मंगल की अशुभता से जीवन में पति-पत्नी में तालमेल नहीं बनता, भूमि-भवन से जुड़ी समस्याएं बनी रहती है. रक्त संबंधी बीमारी होने लगती है.
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