Margashirsha Month 2025: आज से भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मार्गशीर्ष मास प्रारंभ हो गया है. यह महीना भक्ति, साधना और पुण्य का प्रतीक माना गया है और 15 दिसंबर तक रहेगा. श्रीमद्भगवद्गीता में स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है- “मासानां मार्गशीर्षोऽहम्”, यानी महीनों में मैं मार्गशीर्ष हूँ. यही कारण है कि यह मास भगवान की आराधना और आत्मिक साधना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है.

इस अवधि में हर गुरुवार का विशेष महत्व होता है. भक्तजन व्रत रखते हैं, कथा और हरि-कीर्तन करते हैं. तुलसी पूजन, दीपदान, गीता पाठ और दान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इस महीने में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” का जप अत्यंत शुभ माना गया है.

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Margashirsha Month 2025
Margashirsha Month 2025

इस माह के प्रमुख व्रत और त्यौहार (Margashirsha Month 2025)

मार्गशीर्ष मास में कई प्रमुख पर्व पड़ रहे हैं.

  • 12 नवंबर: उत्पन्ना एकादशी
  • 16 नवंबर: सफला एकादशी
  • 23 नवंबर: गोपाष्टमी
  • 25 नवंबर: देव उठनी एकादशी
  • 15 दिसंबर: पूर्णिमा स्नान और दान पर्व

इन दिनों विशेष पूजन, दान और गीता पाठ करने का विधान है.

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तीर्थ स्नान और पूजा का महत्व (Margashirsha Month 2025)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में गंगा स्नान या तीर्थ दर्शन न कर पाने वाले व्यक्ति घर में जल से भरे पात्र के सामने दीपदान कर सकते हैं. इससे वही फल प्राप्त होता है जो तीर्थस्नान से मिलता है.

कहा गया है कि जो व्यक्ति मार्गशीर्ष मास में नियमपूर्वक भक्ति करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है और सुख, शांति तथा समृद्धि का आगमन होता है. इसलिए यह महीना श्रीकृष्ण प्रेम में लीन होकर हरि-स्मरण करने का अद्भुत अवसर प्रदान करता है.

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