पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में आदिवासियों को बांटने वाले चना में फेल पास का खेल अब भी नहीं थम रहा है. एक के बाद एक कारनामे सामने आ रहे हैं. खराब चने को आदिवासियों को बांटने की फुल प्लानिंग की गई थी, इसके पहले इसे पास कर दिया गया था, लेकिन फिर सांठगांठ कर वेयर हाउस में स्टोर कर दिया गया. इसी बीच मंडी उपाध्यक्ष ने जब निरीक्षण की तो झोलझाल करने की पोल खुल गई. मंडी उपाध्यक्ष ने 1080 बेग में रखे 538 क्विंटल चने को फेल कर दिया गया.

दरअसल, कृषि उपज मंडी उपाध्यक्ष और देवभोग जनपद उपाध्यक्ष सुखचंद बेसरा ने देवभोग स्थित सीडब्ल्यूसी गोदाम का आज औचक निरीक्षण किया. उन्होंने आदिवासी विकास खण्ड मैनपुर में बांटने के लिए आए स्वादिष्ट चने की जांच की.

देवभोग गोदाम 21 सितम्बर और 13 नवम्बर को आए चना के लगभग 600 बैग मौजूद थे. खराब चना को देख भड़के उपाध्यक्ष ने वहां मौजूद गुणवत्ता निरीक्षक सतपाती लाल कश्यप से खराब चना के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की. सतपति देर तक काम का बहना बताकर जवाब देने से बचते रहे.

पूछने पर डीएम नान से लिखित लेकर आने का भी नसीहत देते दिखे. मीडिया कर्मियों के सवाल पर आखिरकार उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि दूसरी बार 14 नवम्बर को आए 540 बैग को मैंने रिजेक्ट कर दिया है. नमी ज्यादा और गुणवत्ताहीन होना इसकी वजह बताई है.

बेसरा ने जवाब दूसरी बार पूछा कि 10 दिन से रिजेक्ट माल गोदाम में क्यों रखा गया है. इस सवाल का जवाब देना अफ़सरों ने जरूरी नहीं समझा. बेसरा ने स्वादिष्ट चना के नाम गुणवत्ताहीन चना खपाकर सरकार को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है.

बेसरा ने यह तक कहा कि 19 को जिले में सीएम का सम्भावित दौरा था. इसी को देखते हुए 14-15 नवंबर को देवभोग और गरियाबंद में रखे गए 538 क्विंटल चने को फेल कर खाना पूर्ति करने की कोशिश हुई है.

सीएम का दौरा टला तो रिजेक्ट चना को फिर से खपाने अनुबंध कम्पनी जुगाड़ में लगा हुआ है. बेसरा का आरोप है कि सप्लायर पूरे छतीसगढ़ में चना की सप्लाई कर रहा है, जहां लोग जागरूक हैं, वहां उसका लॉट रिजेक्ट हो रहा है.

बस्तर में अब तक कई लॉट रिजेक्ट हो चुके हैं. इसलिए मामले की उच्चस्तरीय पड़ताल कर दोबारा अनुबंध पर विचार करने और सलिंप्त लोगों पर कार्रवाई की मांग कर मामले की शिकायत स्टेट वेयर हाउस के चेयरमेन और सीएम को लिखित में करने की बात बेसरा ने कही है.

प्रारंभिक परीक्षण पर उठा सवाल
पैकिंग व सप्लाई का जिम्मा मेसर्स संजय ग्रेन प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड को मिला हुआ है. चना के साथ नागरिक आपूर्ति निगम को मिले पेपर्स के मुताबिक पैकिंग के पहले गुणवत्ता की आरंभिक परीक्षण होता है. कनिष्ठ तकनीकी सहायक अमित तिवारी द्वारा तैयार एनालिसिस रिपोर्ट भी सलग्न रहता है. दो माह के भीतर इस जिले में सप्लायर फर्म के 3 से ज्यादा और प्रदेश भर दर्जनों लॉट फेल हो गए हैं. ऐसे में पेकिंग के पूर्व होने वाले गुणवत्ता पर सवाल उठ रहा है.

वापसी होगी चने की गुणवत्ताहीन लॉट, आया तो फिर होगा फेल
नागरिक आपूर्ति निगम के डीएमओ एस के चन्द्राकर ने कहा कि बदले में गुणवत्ता युक्त चना लेकर जब सप्लायर की वाहन पहुंचेगी. उसी में रिजेक्ट लॉट वापस होंगे. बगैर परीक्षण के वितरण नहीं किया जाएगा. गुणवत्ताहीन आए तो फिर फेल करेंगे.

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