पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले के बिन्द्रानवागढ़ में आज चौथे दिवस का तिरंगा यात्रा निकला गया. कांग्रेस के विधानसभा प्रभारी अंबिका मरकाम के मौजूदगी में यात्रा प्रभारी सजंय नेताम समेत जिले और विधानसभा क्षेत्र के तमाम दिग्गज नेता इस यात्रा में शामिल थे. यात्रा पुरनापानी गांव से होकर तय कार्यक्रम के मुताबिक जब शहीद भोजराज के गृह ग्राम भोजराज पहुंची, तो मौजूद सभी नेता तिरंगा समेत शहीद के स्मारक पहुंचकर उनका अभिवादन किया. वहीं यात्रा में मौजूद शहीद के पिता जागेश्वर टांडील्य शहीद के सम्मान के बीच नेताओं के ऊपर भड़क गए.

दरअसल, साल भल भर पहले मंत्री कवासी लखमा शहीद स्मारक का अनावरण करने पहुंचे थे, ग्रामीणों की मांग पर शहीद भोजराम के नाम देवभोग आईटीआई कॉलेज करने का ऐलान किया था. भड़के पिता ने कहा कि, इस ऐलान के बाद कलेक्टर से लेकर प्रभारी मंत्री तक गुहार लगाया, पर कागज फाइलों में दबा दिया गया. फिर ऐसे सम्मान का क्या मतलब. वहीं शहीद के पिता ने 15 अगस्त तक नाम का ऐलान करने की मांग रखी है. बिलखते पिता को बिन्द्रानवागढ़ प्रभारी अंबिका मरकाम ने आश्वस्त किया है, जल्द ही सीएम तक बात पहुंचाकर स्थाई समाधान निकाला जाएगा.

जानकारी के अनुसार, शहीद भोजराम टांडील्य गरियाबंद जिला में पदस्थ थे. जिला पुलिस बल का यह सिपाही नक्सल मोर्चे में हमेशा आगे रहता था. मई 2018 में जब आमामोरा में जिला प्रशासन शिविर लगाने से पहले पुलिस सुरक्षा में तैनात हुई थी. माओवादी के इस गढ़ में उनके बिछाए आइईडी की चपेट में आने से भोजराम शहीद हो गए थे. पिता ने मिलने वाले रुपये में से 15 लाख खर्च कर गृह ग्राम करचिया में भव्य स्मारक बनाया है. पिता और गांव वालों की एक ही मांग है कि शहीद के नाम इस तहसील के कोई भी शैक्षणिक संस्थान को किया जाए.