रायपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की शहीद हो गए. असिस्टेंट कमांडर शांति भूषण झारखंड की राजधानी रांची के डिबडीह के रहने वाले थे. जैसे ही परिवार वालों को शांति भूषण तिर्की के शहीद होने की सूचना मिली, घर में कोहराम मच गया. पत्नी पुष्पा बार-बार बेहोश हो जा रही थी. वहीं, परिवार के अन्य सदस्यों का भी बुरा हाल था.
आसपास के लोग और रिश्तेदारों ने उन्हें संभाला. वहीं, मासूम अनीशा को तो यह पता भी नहीं था कि उसके सिर से उसके पिता का साया उठ चुका है. हालत ऐसी थी कि परिवार के लोग बातचीत करने की स्थिति में नहीं थे. इसी बीच सीआरपीएफ के अधिकारी व जवान भी शहीद के घर पहुंच गए. पहले तो परिवार को दिलासा दिया, इसके बाद सारे लोग घर के कैंपस में ही खड़े होकर शोक करने लगे. इस दौरान सीआरपीएफ के जवान ने किसी भी बाहरी व्यक्ति घर से भीतर जाने नहीं दिया गया.
दो बच्चे हैं कमांडेंट के
असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की के दो बच्चे हैं. 11 वर्षीय पुत्र अनिकेत संत जेवियर्स स्कूल में पढ़ाई करता है, जबकि ढाई साल की पुत्री अनीशा है. असिस्टेंट कमांडेंट शांति भूषण तिर्की के पिता स्टीफन तिर्की ने कहा कि उनका पुत्र देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है. नक्सलियों से लोहा लेते हुए उसने अपनी जान दी है. यह उनके लिए गर्व की बात है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि ग्यारह बजे कमांडेंट की पत्नी पुष्पा तिर्की के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें कामंडेंट के शहीद होने की बात लिखी हुई थी. इस मैसेज को पढ़ते ही वह रोने लगी. पूछने पर पता चला कि अब उनका पुत्र शांति इस दुनिया में नहीं रहा. उन्होंने कहा कि उनका पुत्र शांत स्वभाव का था. परिवार के हर सदस्य के साथ उनका अच्छा व्यवहार था. पिता स्टीफन ने कहा कि बेटे की जन्म पर सभी खुश हुए. जब नौकरी लगी तो उससे ज्यादा खुशी हुई, लेकिन शहादत पर गम तो है लेकिन गर्व भी.
जनवरी में छुट्टी बिता कर गए थे कैंप
पिता के मुताबिक शांति 26 दिसंबर 2021 को छुट्टी पर आए थे. परिवार के साथ रहने के बाद वह वापस 10 जनवरी को छुट्टी पूरा करने के बाद वापस कैंप में चले गए.
आज होगा अंतिम संस्कार
भाई अजय तिर्की ने मीडिया से बातचीत में बताया कि शहीद असिस्टेंट कमांडेंट का पार्थिव शरीर रविवार को विमान से रांची लाया जाएगा. इसके बाद पार्थिव शरीर को सीआरपीएफ कैप ले जाया जाएगा. फिर वहां से डिबडीह नयाटोली स्थित घर लाया जाएगा और उसी इलाके के कब्रिस्तान में अंतिम क्रियाक्रम होगा.