आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां एक ओर सुरक्षाबल लगातार अभियान चलाकर माओवादियों की कमर तोड़ने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर बस्तर में माओवादी गतिविधियां एक बार फिर सिर उठाती नजर आ रही हैं। इस बीच माओवादियों का एक नया वीडियो सामने आया है, जिसमें वे खुलेआम रैली निकालते और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते दिख रहे हैं। यह वीडियो कथित तौर पर शहीदी सप्ताह के दौरान का है, जिसे 28 जुलाई से 3 अगस्त तक मनाया गया।


शहीदी सप्ताह के दौरान सामने आए वीडियो में माओवादी संगठन सीएनएम के सदस्य पारंपरिक ढोल और वेशभूषा में नाचते दिख रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौजूदगी भी साफ नजर आ रही है। वीडियो में माओवादियों ने अपने मारे गए बड़े नेता बसवराजु और अन्य साथियों के लिए नया स्मारक भी बनाया है। साथ ही एक अन्य वीडियो में नक्सली रैली निकालते भी नजर आ रहे हैं।
बैनर में लिखा संदेश
वीडियो के साथ एक बैनर की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें माओवादियों ने लिखा है, “केंद्रीय कमेटी सदस्य चलपति दादा और गौताम दादा अमर रहे। अमर शहिदों के बलिदान को ऊंचा उठाकर रखे। शहिदों के बलिदान व्यार्थ नहीं जाएगा! ऑपरेशन कगार दमन को हराएंगे!”

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
नक्सलियों के इस वीडियो के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, क्योंकि लंबे समय बाद माओवादी इतने खुले रूप में बड़ी संख्या में रैली और सांस्कृतिक कार्यक्रम करते नजर आए हैं। यह माना जा रहा है कि माओवादी एक बार फिर गांवों में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल, सुरक्षा बल इस वीडियो की जांच कर रहे हैं और इसे लेकर रणनीति भी बनाई जा रही है।
बता दें कि सरकार ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य तय किया है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती बनकर सामने आ रही हैं।
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