Maruti Suzuki Q4 Results 2024 : भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी का मुनाफा 48% बढ़ गया है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) के नतीजे जारी कर दिए हैं. कंपनी ने कहा कि इस तिमाही में उसे 3877 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 2,632 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. Read More – Gold-Silver Price : सोने-चांदी की कीमतों में आई गिरावट, जानिए क्या है लेटेस्ट रेट

वहीं, पूरे वित्त वर्ष का टैक्स के बाद मुनाफा 64 फीसदी बढ़कर 13,209 करोड़ रुपये हो गया है. एक साल पहले यानी वित्तीय वर्ष 2023 में यह 8,049 करोड़ रुपये था. मारुति ने अपने शेयरधारकों को 125 रुपये प्रति शेयर का लाभांश देने की घोषणा की है. कंपनियां मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को देती हैं, इसे लाभांश कहा जाता है.

एक साल में मारुति के शेयर करीब 50 फीसदी चढ़े

बाजार बंद होने के बाद मारुति के नतीजे घोषित हो गए हैं. कंपनी के शेयर आज 162.50 रुपये या 1.26% की गिरावट के साथ 12,760 रुपये पर बंद हुए. पिछले 6 महीने में इस शेयर ने 20% से ज्यादा का रिटर्न दिया है. एक साल में स्टॉक करीब 50% बढ़ गया है.

कंपनी का मुनाफा बढ़ने के 4 कारण

  • कंपनी ने इस वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा गाड़ियां बेचीं.
  • कमोडिटी की कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ीं, वे अनुकूल रहीं.
  • कंपनी लागत कम करने में कामयाब रही.
  • मारुति की गैर-परिचालन आय में वृद्धि.

मारुति ने इस साल दो बार कीमतें बढ़ाईं

जनवरी में मारुति सुजुकी ने सभी मॉडलों की कीमतों में 0.45% तक की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद 10 अप्रैल को स्विफ्ट और ग्रैंड विटारा सिग्मा के चुनिंदा वेरिएंट की कीमतों में 25,000 रुपये की बढ़ोतरी की गई.

1981 में मारुति का स्वामित्व भारत सरकार के पास था

मारुति सुजुकी की स्थापना 24 फरवरी 1981 को भारत सरकार के स्वामित्व में मारुति इंडस्ट्रीज लिमिटेड के रूप में की गई थी. 1982 में कंपनी ने जापान की सुजुकी कॉर्पोरेशन के साथ एक संयुक्त उद्यम ‘मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड’ का गठन किया.

भारतीयों के लिए पहली बजट कार 1983 में लॉन्च की गई मारुति 800 थी. 47,500 रुपये की एक्स-शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े वर्ग को कार खरीदने में सक्षम बनाया था. मारुति सुजुकी ने पिछले 40 सालों में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेची हैं.