विप्लव गुप्ता, पेण्ड्रा। मरवाही विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी हमला तेज हो गया है. चुनाव में भगवान राम के बाद अब शराब ने मरवाही उपचुनाव में धमाकेदार एंट्री ली है, जहां पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक पर शराब पीने का आरोप लगाया. वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने पीसीसी चीफ को मर्यादा में रहने की सलाह दी है.

अपने प्रचार प्रसार कार्यक्रम के दौरान मोहन मरकाम ने तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को कैसे पता शराब का स्वाद है. जब कोई शराब लेता होगा तभी तो उसे उसके स्वाद का ज्ञान होगा. उन्हें कैसे पता चलेगा कि शराब गलत है या सही. मैं पूछना चाहता हूं कि रमन सिंह से और नेता प्रतिपक्ष से की 15 साल उन्होंने शराब बेचकर छत्तीसगढ़ की जनता को बरगलाने का प्रयास किया था लेकिन कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ के विकास के लिए कटिबद्ध है. शराब के रेट के बारे में सवाल पूछे जाने पर मोहन मरकाम ने कहा कि मैं शराब पीता नहीं हूं तो मुझे नहीं पता कि शराब का रेट क्या है. डॉ रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष शराब पीते हैं इसलिए उन्हें रेट के बारे में ज्यादा जानकारी होगी.

पीसीसी चीफ के इस बयान पर पलटवार करते हुए अनुराग सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तरह पीसीसी चीफ मोहन मरकाम भी अपना आपा खो चुके हैं, जिस तरह से भूपेश बघेल पूछते हैं कि कौन है रमन सिंह ठीक उसी तरह से मोहन मरकाम पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के ऊपर शराब पीने का आरोप लगा रहे हैं. यह बहुत ही निंदनीय और असंसदीय भाषा का प्रयोग है. इसका उपयोग राजनीति में नहीं होना चाहिए. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष द्वारा प्रदेश में हो रही शराब की अवैध बिक्री का मामला उठाया था. ऐसे में उन पर इस तरह का आरोप लगाना बहुत गलत है.

मरवाही क्षेत्र में जनता कांग्रेस को आइना दिखा रही है, उसे निश्चित रूप से इन दोनों नेताओं का मानसिक संतुलन गड़बड़ा गया है. डॉ रमन सिंह सर्वहारा वर्ग के नेता है. मरवाही उपचुनाव में कांग्रेस की हालत खराब है, इसलिए चुनाव में दूसरे स्थान पर रही है और इस बार भी स्थिति अत्यंत दयनीय है, इसलिए कांग्रेस के लोग अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं.