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रायपुर. मार्कफेड मुख्यालय भवन को विभाग द्वारा अन्य जगह शिफ्ट किया जा रहा है. इस शिफ्टिंग को लेकर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने विभाग में कमीशनखोरी का आरोप लगाया है, जिसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री, EOW, राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से भी की है. जनता कांग्रेस ने मार्कफेड द्वारा पूर्व में प्रस्तावित नूतन राईस मिल में कार्यालय के भवन निर्माण करवाने और मार्कफेड कार्यालय के शिफ्टिंग पर रोक लगाने की मांग प्रदेश शासन से की है.
रायपुर मार्कफेड द्वारा सिविल लाइन स्थित मुख्यालय भवन को तीन गुना अधिक किराये की जगह शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है. जिस पर जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने आपत्ति की है. प्रवक्ता नितिन भंसाली का कहना है कि रायपुर के नूतन राईस मिल में जब मार्कफेड की खुद की 10 एकड़ जमीन है. जिस पर वर्षों पहले भी संचालक मंडल में निर्णय के बाद नए भवन के निर्माण हेतु प्रस्ताव आमसभा में पास किया गया था. जिसमें टेंडर भी जारी किया गया था.
बावजूद इसके वर्तमान में संचालित तकरीबन साढ़े चार लाख रुपये प्रति माह के किराये की जगह को छोड़कर जिसका एग्रीमेंट मार्च 2018 तक मान्य है, रायपुर में ही 12 लाख रुपये प्रतिमाह के किराये में नई जगह पर ऑफिस शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है जो समझ के परे है.
भंसाली का कहना है कि धान खरीदी और निराकरण प्रक्रिया में हर साल 400 से 500 करोड़ रुपये का घाटा विभाग द्वारा दिखाया जाता है. एेसे में वर्तमान कार्यालय को छोड़कर तकरीबन 1 करोड़ 35 लाख 92 हजार रुपये सालाना की शासकीय क्षति जैसा खर्च करने का निर्णय मार्कफेड कैसे ले सकती है?