शिखिल ब्यौहार, भोपाल। लोकसभा चुनावों के पहले सालों से फाइलों में अटकी शहरी विकास की प्लानिंग पर अब अमल होगा। भोपाल समेत प्रदेश के 22 शहरों के मास्टर प्लान को लागू करने की तैयारी सरकार ने शुरू कर दी है। नगरीय प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों ने बताया कि दो माह के अंदर प्रारूप का प्रकाशन शुरू कर दिया जाएगा।

व्यवस्थित शहरी विकास के लिए जरूरी मास्टर प्लान सियासत का हिस्सा रहे हैं। भोपाल मास्टर प्लान को लेकर बीते लोकसभा चुनाव में जमकर राजनीतिक बयानबाजी हुई। दरअसल, वर्तमान में लागू भोपाल मास्टर प्लान 2005 के आधार पर शहरी विकास की इबारत लिखी जा रही है। जबकि यह मास्टर प्लान 1996 में बनाया गया था। ऐसा ही हाल इंदौर समेत अन्य शहरों का भी है। बीते साल सरकार ने राजधानी के नए मास्टर प्लान 2031 को लेकर अंतिम दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया पूरी की। सरकार ने विधानसभा चुनाव के पहले मास्टर प्लान को लागू करने की तैयारी की थी। लेकिन, मास्टर प्लान के विवादित प्रावधानों के कारण जमकर सियासत हुई और मास्टर प्लान एक बार फिर फाइलों में दफन हो गया।

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कैचमेंट में निर्माणों पर रोक संबंधित प्रावधानों का सियासी विरोध बरकार

शहर की लाइफलाइन कहे जाने वाले बड़ा तालाब के संरक्षण के लिए सरकार ने कैचमेंट एरिया में निर्माणों पर प्रतिबंध संबंधित प्रावधानों का सियासी विरोध जारी है। दरअसल, ग्रामीणों समेत बीजेपी और कांग्रेस के नेता बेशकीमती जमीनों को लेकर कैचमेंट की जमीन पर निर्माण के दायरों को बढ़ाना चाहते हैं। मामले को लेकर जमकर विरोध भी हुआ। फिलहाल सरकार ने कैंचमेंट को संरक्षित रखने के लिए प्रावधानों में बदलाव नहीं किया है। इसके अलावा मास्टर प्लान के प्रारंभिक प्लान में कई संशोधन भी किए गए है।

‘चुनाव आते ही याद आ रहा मास्टर प्लान’

कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि लोकसभा चुनावों के नजदीकी समय में सरकार को मास्टर प्लान की याद आ रही है। सालों से शहरों के बेतरतीब विकास की जिम्मेदार भी बीजेपी सरकार है। उन्होंने कहा कि जरूरी है कि सरकार शहरी विकास के लिए जरूरी तमाम प्लानिंग पर सियासत न कर विकास कार्यों पर ध्यान दें।

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‘सरकार की सौगात से कांग्रेस को दिक्कत क्यों?’

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा कि सरकार उचित समय पर ही उचित निर्णय लेती है। मास्टर प्लान की प्रक्रिया अब पूरी हो रही है। जल्द ही मास्टर प्लान लागू किए जाएंगे। विकास से कांग्रेस को हमेशा से ही आपत्ति रही है। दो माह के अंदर जल्द ही शहरी विकास की बेहतरीन प्लान लागू होगें।

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