भोपाल। मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता का मामला उलझन की स्थिति में है। प्रदेश सरकार मान्यता के मापदंडों को लेकर एक बार फिर हाईकोर्ट जाएगी। सरकार 2018 के नियम और मापदंडों को आधार बना रही है। अब राज्य सरकार तर्कों के आधार पर मान्यता के निर्देश स्पष्ट करने की मांग कोर्ट से करेगी। जबकि, हाइकोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल के मापदंडों के अनुसार मान्यता देने को कहा था।
हाई कोर्ट ने इंडियन नर्सिंग काउंसिल (INC) के मापदंडों के अनुसार सत्र 2024-25 की मान्यता देने के लिए कहा था। आईएनसी के मापदंडों के मुताबिक, मान्यता का निर्णय होता है, तो प्रदेश के लगभग 80 फीसदी कॉलेज शर्तें पूरी नहीं होने के कारण बंद हो सकते हैं। राज्य सरकार वर्ष 2018 में बनाए गए अपने नियम-मापदंडों के आधार पर मान्यता देना चाहती है। यह नियम और मापदंड आईएनसी के मापदंडों में मामूली छूट के आधार पर बनाए गए थे।
प्रदेश सरकार इन तर्कों के आधार पर हाई कोर्ट से यह स्पष्ट करने की मांग करेगी कि कोर्ट ने किन मापदंडों के आधार पर मान्यता के निर्देश दिए हैं। आपको बता दें कि साल 2018 के बाद से ही नर्सिंग कालेजों में गड़बड़ी बढ़ी थी। उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई वर्ष 2018 के नियम-मापदंडों के आधार पर ही कॉलेजों का निरीक्षण कर रही है।
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