अभय मिश्रा, मऊगंज। मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले ने न्याय व्यवस्था के प्रति आम जनता का भरोसा और मजबूत किया है। 10 वर्षीय अनुसूचित जाति की बालिका से जघन्य दुष्कर्म के मामले में अदालत ने एक ऐतिहासिक और कड़ा फैसला सुनाया है। आरोपी को उसके शेष प्राकृत जीवनकाल तक आजीवन कारावास की सजा दी गई है।

मऊगंज जिले के लौर थाना क्षेत्र से जुड़े एक मामले में न्याय का पहिया तेजी से घूमता दिखा। 10 वर्षीय अनुसूचित जाति की एक मासूम बालिका के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में, विशेष POCSO न्यायालय रीवा ने आरोपी को ऐसी सजा सुनाई है, जिसे एक नजीर माना जा रहा है।

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पुलिस अधीक्षक मऊगंज दिलीप सोनी ने मंगलवार शाम पत्रकारों को इस कड़े फैसले की जानकारी दी। अदालत ने आरोपी कृष्णपाल गिरी उर्फ भोले गिरी (29) को उसके शेष प्राकृत जीवनकाल तक यानी प्राण रहने तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

घटना इसी साल 23 मई 2025 की है। सूचना मिलते ही, मऊगंज पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मामला दर्ज किया, जिसमें POCSO एक्ट के साथ-साथ पीड़िता के अनुसूचित जाति वर्ग की होने के कारण SC/ST एक्ट की धाराएं भी जोड़ी गईं। आरोपी को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था। पुलिस टीम ने विवेचना के दौरान DNA परीक्षण समेत सभी वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाए और घटना के महज 2 महीने बाद 22 जुलाई 2025 को आरोपपत्र न्यायालय में पेश कर दिया।

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अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार सिंह और पीड़िता पक्ष के अधिवक्ता उमेश सिंह बघेल ने दमदार पैरवी की। अदालत ने 15 अभियोजन गवाहों के बयानों को आधार मानते हुए, यह कठोर फैसला सुनाया। सबसे कठोर सजा धारा 5M/6 POCSO सहपठित 65(2) बीएनएस में दी गई। इसके अलावा, SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(V), इन में से कुछ धाराओं के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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