बरेली. फिल्म देखना, दिखाना नाजायज और हराम है. फिल्म देखने वाला मुसलमान शरीयत के हिसाब से गुनहगार होगा. ये कहना है ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी का. उन्होंने कहा है कि फिल्म मोदी पर बने या योगी पर, देखना गलत है. कोई भी मुसलमान हरगिज भी फिल्म न देखे.
मौलाना ने कहा कि ‘मैं तमाम मुसलमानों से, नौजवानों से अपील कर रहा हूं. इस्लाम के जितने भी अनुयायी हैं, महिलाएं हों, मर्द हों, बूढ़े हों, बच्चे हों, जवान हों—इन सबको मैं शरीयत की बात बता रहा हूं कि फिल्म न देखें. फिल्म देखना और दिखाना दोनों चीजें नाजायज और हराम हैं. चाहे फिल्म किसी भी शख्सियत पर बनी हो. शरीयत की नजर में वह नाजायज और हराम है.
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मौलाना ने कहा कि अगर कोई शख्स फिल्म देखता है तो वह शरीयत के कटघरे में खड़ा होगा. खुदा की बारगाह में वह मुजरिम करार दिया जाएगा. इसलिए मैं तमाम लोगों से शरीयत की रोशनी में अपील कर रहा हूं कि लोग अमल करेंगे तो सवाब मिलेगा और अगर अमल नहीं करेंगे तो गुनहगार होंगे.
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