विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी मेन लाइन में शुमार रही बसपा अब हाशिये पर है. जिससे उबरने के लिए बसपा चीफ मायावती अलग-अलग तरह से अपने फैसले ले रही हैं. जिससे कि पार्टी को फिर से उस हैसियत में लाया जा सके. यही कारण था कि बहन जी ने युवाओं को जोड़ने के लिए अपने भतीजे को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था. लेकिन बाद में अपना फैसला ही पलट दिया और आकाश को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था. फिर बाद में उन्हें पार्टी में शामिल कर उनके कद में इजाफा किया. जिससे राजनैतिक हलकों में ये चर्चा होने लगी कि मायावती का उत्तराधिकारी आकाश ही रहेंगे.

लेकिन बहन जी ने इससे भी अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि जब तक वो सक्रिय राजनीति में रहेंगी तब तक उनका कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा. हालांकि इस समय एक बड़ी खबर बसपा खेमे से निकलकर सामने आई है जिसमें मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद के पर कतर दिए हैं. आकाश आनंद इस समय बसपा में दूसरे नम्बर की हैसियत में हैं. लेकिन मायावती ने आकाश आनंद पर एक बड़ा फैसला लेते हुए आकाश के भाषण देने पर रोक लगा दिया है. मायावती ने कहा है कि आकाश अब सिर्फ संगठन में काम करेंगे.
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पार्टी में दूसरे नंबर के नेता आकाश
मालूम हो कि बीते 18 मई को ही बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी थी. मायावती ने आकाश आनंद पर भरोसा जताते हुए फिर बसपा का मुख्य नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाया था. आकाश आनंद मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में तीन राष्ट्रीय समन्वयकों के ऊपर काम कर रहे हैं. यह पद आनंद के लिए विशेष रूप से बनाया गया है और इसी के साथ वह पार्टी में दूसरे नंबर के नेता बन गए हैं. लेकिन मायावती के नए फैसले और आकाश आनंद पर नई पाबंदी से एक बार फिर से आकाश की भूमिका को लेकर नये सवाल खड़े होने लगे हैं.
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