समीर शेख, बड़वानी। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर सहित ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्राम पंचायत भादल में मनरेगा में भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं.  मेधा पाटकर का आरोप है कि कागजों पर काम हो गया, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हुआ है.

मेधा पाटकर का आरोप है कि अक्टूबर माह से गांव में मनरेगा का कोई काम नहीं हुआ, लेकिन जो ऑनलाइन एंट्रियां हैं उसके आधार पर दिसंबर से लेकर मई महीने तक तकरीबन 11 स्थानों पर 11 समय रोजगार दिया गया. वहीं कुछ लोगों  के मोबाइल पर काम करने के पैसे आने के मैसेज भी आ गया. इस मामले में जानकारी मिली कि भादल गांव के नाम पर गांव सेमलट और लिम्बी के लोगों को रोजगार देने की एंट्री हो गई है.

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मेधा पाटकर ने ये भी बताया कि ऑनलाइन एंट्री में कई ऐसे लोगों के नाम हैं जिन्हें पैसा नहीं मिला. उन्होंने कहा कि जब इस मामले की शिकायत की गई को अधिकारी पलीता लगाने में जुट गए. आरोपियों से ही मामले की जांच करवाई गई, जांच अधिकारी ने शिकायतकर्ताओं से बात नहीं की. वे पुराने काम को देखकर काम हो जाने की बात कही.  इस मामले में जिला पंचायत सीईओ ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया.

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