दिल्ली। सरकार ने कोरोना वायरस से लड़ाई में सभी दलों के नेताओं से सहयोग मांगा है। प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों के नेताओं से सुझाव भी मांगे, जिसमें कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के अजीबोगरीब सलाह से देश का मीडिया उबल पड़ा।
दरअसल, सोनिया गांधी ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार को सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों- टेलीविजन, प्रिंट एवं ऑनलाईन विज्ञापनों पर दो साल के लिए रोक लगाकर यह पैसा कोरोना संकट से जूझने में लगाया जाए। केवल कोविड-19 के बारे में एडवाइजरी या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इससे बाहर रखे जाएं। सोनिया की सलाह इमरजेंसी की याद दिलाने लगी जब देश की मीडिया पर पूरी तरह से पाबंदी लगाकर उसके विज्ञापन रोक दिये गए थे।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग रु 1,250 करोड़ खर्च करती है। सरकारी उपक्रमों एवं कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च सालाना राशि इससे भी अधिक है। सरकार के विज्ञापन कई सारे मीडिया हाउस के लिए लाइफलाइन का काम करते हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता का ये सुझाव न सिर्फ मीडिया को कमजोर करने वाला बयान माना जा रहा है बल्कि कुछ लोग इसे कांग्रेस की मीडिया से खुन्नस के चलते बदलेवाला कदम बता रहे हैं। सोनिया की इस सलाह की मीडिया संगठनों ने तीखी आलोचना की है।