भिंड। मध्यप्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में रोज़ नई-नई लापरवाही और कारनामे उजागर हो रहे हैं. जहां धार जिला हॉस्पिटल में नव आरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों के सीने पर एससी-एसटी लिखने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है कि आज भिंड के जिला अस्पताल से बड़ी लापरवाही की खबर सामने आई है.
भिंड जिला अस्पताल में आरक्षक भर्ती के दौरान एक ही कमरे में महिला और पुरुष अभ्यर्थियों का मेडिकल टेस्ट हो गया. यहां तक कि पुरुष अभ्यर्थियों के सामने ही महिला अभ्यर्थियों का मेडिकल टेस्ट किया गया. साथ ही इस दौरान कोई महिला चिकित्सक और नर्स भी मौजूद नहीं थी. अब इस घटना के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
भिंड जिला चिकित्सालय में मेडिकल चेकअप टीम की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है. बता दें कि 39 अभ्यर्थियों में से 18 महिला और 21 पुरुष अभ्यर्थी हैं. कुल 39 अभ्यर्थियों का यहां चेकअप किया गया है. भिंड पुलिस लाइन में 217 महिला और पुरुष आरक्षकों की भर्ती हुई है. इन्हें समूह में बांटकर इनका मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है, इन्हीं में से 39 युवक-युवतियों के टेस्ट कराए गए.
इससे पहले धार में कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों की पहचान के लिए उनके सीने पर ही जातिसूचक एससी-एसटी लिख दिया गया था. बाद में हंगामा मचने पर एमपी के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए थे. साथ ही दोषी पाए गए जिला पुलिस बल के निरीक्षक नानूराम वर्मा और एसएएफ के उप निरीक्षक नानूराम मोवेल को तत्काल निलंबित कर दिया था. दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई के लिए कलेक्टर को कहा गया था.