नई दिल्ली . जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रसंघ चुनाव को लेकर जनरल बॉडी मीटिंग (यूजीबीएम) आज रात नौ बजे फिर बुलाई गई.

इससे पहले शुक्रवार देर रात बैठक में हंगामा और छात्र संगठनों में भिड़ंत हो गई थी. इस दौरान वामपंथी छात्र संगठन और एबीवीपी ने एक-दूसरे पर मारपीट के आरोप लगाए थे, जिसमें कई छात्र चोटिल हो गए थे. इस बीच सुरक्षा गार्ड बेबस नजर आए. अब दूसरी बार हो रही बैठक के लिए भी जेएनयू प्रशासन के पास कोई ठोस सुरक्षा के उपाए नहीं हैं. 40 गार्डों की सुरक्षा के भरोसे पूरी बैठक को आयोजित होने दिया जा रहा है. जबकि बैठक में दो हजार के करीब छात्र हिस्सा लेते हैं.

वामपंथी नेतृत्व वाले जेएनयू छात्रसंघ ने रविवार को प्रेस रिलीज जारी कर एबीवीपी पर यूजीबीएम में बाधा पहुंचाने और मारपीट के आरोप लगाए हैं. वाम संगठन डीएसएफ का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव शुरू होने की घोषणा के जवाब में एबीवीपी ने प्रशासन के साथ मिलकर यूजीबीएम को बाधित करने और जेएनयूएसयू चुनाव 2024 की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को रोकने का काम किया.

डीएसएफ ने कहा कि हम छात्रों से साबरमती ढाबे पर होने वाले यूजीबीएम में बड़ी संख्या में एकत्र होने और एबीवीपी के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान करते हैं.

एबीवीपी ने एक बयान में कहा सर्वदलीय ने यूनिवर्सिटी जनरल बॉडी मीटिंग का आयोजन किया, जो रात 930 बजे साबरमती मैदान में रखी गई थी. सबसे पहले वामपंथी जेएनयूएसयू ने माइक और साउंड कार्यकर्ताओं को जातिवादी गालियां दीं, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि एबीवीपी यूजीबीएम में भाग ले.

जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान सिर्फ 40 गार्ड मौजूद रहेंगे, जिसमें करीब दो हजार छात्र हिस्सा लेते हैं. जेएनयू में 2019 के बाद छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए हैं. छात्र संगठनों के प्रदर्शनों के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अधिसूचना जारी कर चुनाव कराने की इच्छा जताई थी. इसके बाद डीन ऑफ स्टूडेंट्स से छात्रों की बैठक रखी गई. इसमें उन्हें छात्र चुनाव समिति गठित करने के लिए एक पैनल बनाने को कहा गया, क्योंकि जेएनयू में चुनाव छात्रों की बनाई स्वायत्त समिति कराती है. पैनल के नाम तय करने के लिए यूजीबीएम बुलाई गई थी.