First meeting of steering committee in Delhi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्टीयरिंग कमिटी की पहली बैठक को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस संगठन मजबूत होगा, जवाबदेह होगा, लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा, तो ही हम चुनावी जीत हासिल कर देश के लोगों की सेवा कर पाएंगे. वहीं मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा कि देश में कमरतोड़ महंगाई, भयंकर बेरोजगारी, नफरत की राजनीति नाकाबिले बर्दाश्त है. साथ ही नेताओं से अगले 15-30 दिनों में संगठन और आंदोलन का खाका मांगा है.

सोनिया गांधी का विशेष अभिनंदन करते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सोनिया गांधी ने नेतृत्व की कुशलता, अथक मेहनत, व कांग्रेस के बुनियादी सिद्धांतों में अटूट विश्वास के साथ दो दशक से अधिक पार्टी और देश का मार्गदर्शन किया. भविष्य में भी हम सब उनके असीम स्नेह व मार्गदर्शन के अभिलाषी रहेंगे. मैं देश के सामने जो चुनौतियां हैं, उन पर चर्चा करूं, इससे पहले मैं आप सबसे कांग्रेस संगठन के बारे में और हमारी जिम्मेदारियों के बारे में बात करना चाहूंगा.

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “मैं पार्टी के महासचिवगण व प्रभारीगण से चाहुंगा कि वो सबसे पहले खुद की जिम्मेदारी तथा संगठन की जिम्मेदारी सुनिश्चित करें. आप अपने विवेक से चिंतन करें कि क्या महासचिव गण व प्रांतों के प्रभारी, पदाधिकारी अपने जिम्मेदारी वाले प्रांतों में महीने में कम से कम 10 दिन दौरा करते हैं? क्या आपने हर जिला, इकाई पर जाकर पार्टी के नेताओं से चर्चा की है? क्या स्थानीय समस्याएं जानी हैं? क्या सभी जिला कांग्रेस व ब्लॉक कांग्रेस कमिटी का गठन हो चुका है?

क्या आपकी संघटन जमीनी हकीकत के मुताबिक लोगों के लिए संघर्ष कर रही हैं? क्या ब्लॉक व जिला स्तर पर ज्यादा से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया गया है? कितनी इकाईयां ऐसी हैं, जहां जिला व ब्लॉक, पांच साल से नहीं बदले गए? ब्लॉक जिला व प्रदेश स्तर पर स्थानीय समस्याओं, प्रांतीय समस्याओं व देश के समक्ष चुनौतियों पर AICC के आदेशानुसार कितनी बार आंदोलन हुआ है? क्या अग्रिम संगठन, पार्टी के डिपार्टमेंट्स व उनकी इकाईयां उन वर्गों की आवाज उठा रही हैं, जिनकी आवाज बनने के लिए उनका गठन हुआ है?”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महासचिवों व प्रभारियों से पूछा, “आपके प्रदेश में, जिसके आप प्रभारी हैं, अगले 30 दिन से 90 दिन के बीच में संगठन व जनहित के मुद्दों पर आंदोलन के लिए क्या रूपरेखा है? जिन प्रांतों में आज से साल 2024 के बीच विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां चुनाव तक क्या प्लानिंग व एक्टिविटी शेड्यूल है? जब तक आप स्वयं, आपके सचिवगण, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षगण, पार्टी के विधायक मंडल व सांसदगण इन सब व अन्य महत्वपूर्ण चीज़ों का खाका तैयार कर जमीनी स्तर पर लागू नहीं करेंगे।

हमारी जिम्मेदारी पूर्ण नहीं हो सकती. पार्टी में जहां अपने कर्तव्य को निभाने वाले बहुत जिम्मेदार लोग हैं, वहीं कुछ साथियों ने यह मान लिया है कि जिम्मेदारी निभाने में कमी को नजरंदाज कर दिया जाएगा. यह न तो ठीक है और न ही मंजूर किया जा सकता. जो लोग जिम्मेदारी निभाने में असक्षम हैं, उन्हें नए साथियों को मौका देना पड़ेगा.”

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब संगठन व आंदोलन का एक खाका तैयार कर अगले 15 से 30 दिनों में इस पर मिल-बैठकर मुझसे चर्चा करेंगे. कांग्रेस स्टीयरिंग कमिटी के सदस्यों व पार्टी के अन्य नेताओं को भी जरूरत के अनुसार आप इस कार्यक्रम में शामिल करेंगे.”

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, “देश में एक नया इतिहास लिखने वाली राहुल गांधी जी के नेतृत्व में चल रही ‘‘भारत जोड़ो यात्रा” आज 88 दिन पूरे कर रात के समय राजस्थान की सीमा में प्रवेश करेगी. भारत जोड़ो यात्रा अब एक राष्ट्र आंदोलन का रूप ले चुकी है. एक ऐसा आंदोलन, जो देश में कमरतोड़ महंगाई, भयंकर बेरोजगारी, नाकाबिले बर्दाश्त आर्थिक व सामाजिक असमानता तथा नफरत की राजनीति के खिलाफ एक निर्णायक जंग का आह्वान है.

देश के करोड़ों लोग राहुल गांधी जी व कांग्रेस के संकल्प से जुड़े हैं. इनमें भारी संख्या में वो लोग भी हैं, जो कांग्रेस से नहीं जुड़े थे, या फिर हमारी आलोचना किया करते थे. भारत जोड़ो यात्रा का एक राष्ट्रीय जन आंदोलन का रूप ले लेना ही इस यात्रा की सबसे बड़ी कामयाबी है.”

मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा,”जिन प्रदेशों से यात्रा निकली है, वहां के कांग्रेसजनों ने आम जनता के साथ जोश व साहस से अपनी आवाज बुलंद की है. मैं इसके लिए उन्हें मुबारकबाद देता हूं पर मैं आपके समक्ष यह भी रखना चाहूंगा कि इस राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन को देश के हर गांव, हर शहर, हर व्यक्ति तक पहुंचाने में हम सबकी क्या भूमिका रही है?

जहां कई प्रदेशों ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है, क्या हम इसके बुनियादी उसूलों को हर गांव तक, हर शहर और कस्बे तक ले जा पाए हैं? मुझे लगता है कि हम जो कर पाए, वह एक सार्थक कोशिश तो है, पर नाकाफ़ी है. हम सबको इन मुद्दों को, यात्रा की भावना को, यात्रा के उसूलों को हर घर तक पहुंचाना है. संगठन महासचिव ने इस बारे एक विस्तृत ‘हाथ से हाथ जोड़ो’ प्लान तैयार किया है, जिसे वह आप सबसे साझा करेंगे. मुझे उम्मीद है कि आप इसे लागू करने बारे पूरी रूपरेखा पार्टी संगठन को देंगे, व जरूरत हो, तो हम मिलकर इस पर चर्चा करेंगे.”

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