रायपुर। कोरोना के संक्रमण ने हर वर्ष पूरे विश्व में 10 अक्टूबर को मनाए जाने वाले मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता दिवस के  महत्व  को और बढा दिया है. कोविड 19 की बीमारी और उससे जुड़ी हुई परेशानियों को लेकर आज हर कोई चिंतित है. बीमारी के संबंध में सामान्य चिंता या अपनों के बीमार होने की खबर से हम सभी परेशान हो जाते हैं. लेकिन यह चिंता यदि हमारी दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करती है तो हमे मानसिक परामर्श की जरूरत है, यह हमें समझना चाहिए.

रायपुर के मनोचिकित्सक डा मनोज साहू, विभागाध्यक्ष पं जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर का कहना है कि यदि वर्तमान परिस्थितियों में कोई व्यक्ति अधिक चिड़चिड़ा हो रहा है जो उसकी दैनिक गतिविधियों को या आपस के रिश्तों को  प्रभावित कर रहे हों या कोई बच्चा या किशोर भी अधिक एग्रेसिव हो रहा है तो इस स्थिति में मानसिक परामर्श लिया जाना आवश्यक होता है. डॉ साहू का मानना है कि मानसिक बीमारी भी अन्य बीमारियों की तरह ही है इसलिए इसे बताने या मनोचिकित्सक से सलाह लेने में संकोच नही करना चाहिए.

डॉ साहू के नेतृत्व में मेडिकल कालेज की टीम द्वारा राज्य के कोविड केयर सेंटरों, अस्पतालों मे भर्ती मरीजों की नियमित टेली काउंसिलिंग की जा रही है. मरीजों को पूरी अवधि के दौरान तीन बार काउंसिलिंग दी जाती है भर्ती के समय, फिर तीन-चार दिन बाद और अंत में जब मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है. मेडिकल कालेज में बनाए गए टेलीमेडिसीन हब के जरिये सुबह 8 बजे से रात 8बजे तक नियमित टेली काउंसिलिंग की जा रही है. इसके जरिये अब तक 400 से अधिक मरीजों को परामर्श दिया जा चुका है.