मार्च में राशि परिवर्तन के साथ ही कई साल के बाद कई ग्रहों की युति भी बनने जा रही है. इससे कई राशियों के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है. मार्च का महीना ज्योतिषी के अनुसार बहुत ही खास रहने वाला है, क्योंकि इस महीने में ग्रहों का महापरिवर्तन होने वाला है. मार्च महीने को बुध, शुक्र, सूर्य और मंगल अपनी-अपनी राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं. महीने की शुरुआत में ही ग्रहों के राजकुमार बुद्ध मीन राशि में गोचर करने वाले हैं. वहीं 7 मार्च को शुक्र भी अपना स्थान परिवर्तन कर कुंभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं. इससे किन राशियों के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है?

सूर्य का मीन राशि में गोचर 14 मार्च को ग्रहों के राजा सूर्य मीन राशि में गोचर करने वाले हैं. जहां बुध पहले से ही विराजमान रहेंगे. बुध और सूर्य की युति बुधादित्य राजयोग का निर्माण करने वाली है. इसके साथ मंगल भी कुम्भ राशि में गोचर करने वाले हैं. इन ग्रहों के राशि परिवर्तन से तीन राशियों के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है. इनमें वृषभ, कन्या और कुंभ शामिल है.
राशियों पर ये होगा असर… Read More – ‘मरने के बाद’ जिंदा हुई Poonam Pandey, Video आया सामने …

वृषभ राशि

ग्रहों के महापरिवर्तन करने से मार्च महीने में वृषभ राशि के ऊपर सकारात्मक प्रभाव पड़ने वाला है. घर में खुशी का माहौल रहने वाला है, जो भी कार्य लंबे समय से अटके पड़े हैं. वह पूर्ण होने वाले हैं. इसके साथ ही करियर कारोबार में वृद्धि होने वाली है. जीवनसाथी के साथ कहीं तीर्थ यात्रा पर घूमने के लिए जा सकते हैं.

कन्या राशि

ऊपर ग्रहों का महापरिवर्तन सकारात्मक प्रभाव डालने वाला है. फरवरी की तुलना में मार्च महीना आपका बेहद खास रहने वाला है. आमदनी बढ़ने वाली है. खर्च कम होने वाला है. इस महीने कन्या राशि जातक वाले शत्रु पर हावी होते नजर आयेंगे. Read More – Ekta Kapoor ने Ankita Lokhande को दिया बड़ा ऑफर! Bigg Boss के बाद इस सीरियल में आ सकती हैं नजर …

कुंभ राशि

जातकों के ऊपर ग्रहण का महा परिवर्तन सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है, क्योंकि कुंभ राशि पर त्रिग्रही योग का भी निर्माण मार्च महीने में होने जा रहा है. कुंभ राशि वालों के लिए मार्च महीने में आकस्मिक धन लाभ का योग बन रहा है. व्यापार में धन की वृद्धि होने वाली है. जमीन जायदाद खरीदने का भी योग बन रहा है. पैतृक संपत्ति विवाद समाप्त होने वाला है. इसके साथ ही शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का प्रभाव भी समाप्त होने वाला है.