भूवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के समापन को चिह्नित करने के लिए अमृत कलश में मिट्टी चढ़ाने के लिए प्रसिद्ध उड़िया कलाकार सूर्यस्नाता मोहंती की ओर से तैयार हाथ से चित्रित ‘कलश’ (मिट्टी का बर्तन) का चयन किया. जटिल रूप से डिजाइन किए गए कलश में ओडिशा की सदियों पुरानी ‘झोटी चिता’ परंपरा का समावेश है, जो पीएम को बहुत पसंद आया. शिक्षाविद बिजय कुमार मोहंती और रेनूबाला मोहंती की बेटी सूर्यस्नाता मिट्टी के बर्तनों को डिजाइन करने और उन्हें पारंपरिक रंग देने में माहिर हैं. Read More – ओडिशा के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष महेश्वर मोहंती अस्पताल में भर्ती, ये है कारण …

एक सख्यातकार में सूर्यस्नाता ने कहा, ”मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी कलश प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में दिखेगा, लेकिन कलश निश्चित रूप से सुंदर लग रहा था. मैं जानती थी कि हर कोई इसे पसंद करेगा. वास्तव में मेरे द्वारा कलश को अंतिम रंग देने से पहले ही सराहना मिलनी शुरू हो गई थी. कलश को पूरा करने में मुझे तीन दिन लगे. मुझे याद है कि उन तीन दिनों में मैंने सुबह 10 बजे से आधी रात तक काम की थी।” उन्होंने कहा, जहां तक ओडिशा का सवाल है, आप हर घर में कलाकार पा सकते हैं. मैं बचपन से ही उड़िया मार्गशिरा महीने के गुरुवार के दौरान घरों के फर्श और दीवारों पर महिलाओं की ओर से बनाई जाने वाली ‘झोटी’, ‘चिता’ की ओर आकर्षित थी. इसीलिए मैं हमेशा कहती हूं कि कला किसी व्यक्ति तक सीमित नहीं है. इसे किसी सीमा के अंदर नहीं रखा जा सकता.

गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 15 अगस्त को देश के शहीद वीरों के सम्मान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान और अमृत कलश यात्रा की घोषणा की थी. इसके बाद अभियान के तहत एक “अमृत कलश यात्रा” का आयोजन किया गया, जिसके दौरान भारत भर की 7,500 ग्राम पंचायतों के चयनित युवा 7,500 कलशों में देश भर से मिट्टी और पौधे लेकर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एकत्र हुए.

कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान की एक डिजिटल प्रदर्शनी देखी और अमृत वाटिका और अमृत महोत्सव स्मारक की आधारशिला रखी. उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव स्मारक, आने वाली पीढ़ियों को इस ऐतिहासिक अवसर के बारे में बताएगा. प्रधानमंत्री ने एक autonomus body- मेरा युवा भारत (MY भारत) भी लॉन्च किये- जो युवाओं के नेतृत्व वाले विकास पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने और युवाओं को विकास का “सक्रिय चालक” बनाने में मदद करेगा.