ग्रेटर नोएडा . नोएडा इंटरनेशनल एयरपोट और गाजियाबाद के बीच प्रस्तावित मेट्रो और नमो भारत के पहिए बिजली की कमी से नहीं थमेंगे. सौर ऊर्जा की मदद से भी इन्हें चलाया जाएगा.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा तैयार की गई डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में नवीनीकरण ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने पर जोर दिया गया है. इससे बिजली की बचत के साथ पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलेगी. बिना रुकावट 24 घंटे विद्युत आपूर्ति के लिए पांच मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट नमो भारत के स्टेशनों सहित अलग- अलग साइटों पर स्थापित किए जाएंगे. इनकी क्षमता इस परियोजना के लगभग 50 फीसदी ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने की होगी. गाजियाबाद से एयरपोर्ट तक 72. 2 किमी लंबे कॉरिडोर के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग के लिए एनसीआरटीसी ने ग्रेनो के ईकोटेक-6, नॉलेज पार्क 5 और गाजियाबाद के प्रताप विहार सहित अन्य स्टेशनों पर सोलर सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है.

25 साल का समझौता होगा

नमो भारत के स्टेशनों और उसके आसपास सोलर प्लांट रिन्यूएबल एनर्जी सर्विस कंपनी मॉडल के तहत विकसित किए जाएंगे. विकासकर्ता एनसीआरटीसी के स्वामित्व वाली छत और साइटों पर सोलर प्लांट लगाएगा. एनसीआरटीसी के साथ 25 वर्षों के लिए सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए खरीद समझौता होगा, जो परियोजना के चालू होने से माना जाएगा.