मुंबई. माइक्रोसॉफ्ट ने जापान में अपनी एक यूनिट के करीब 2300 कर्मचारियों पर सप्ताह में चार दिन काम कराने का प्रयोग शुरू किया. माइक्रोसॉफ्ट के इस प्रयोग का बेहद उत्साहजनक असर देखने को मिला. तीन दिन का अवकाश देने से कंपनी की उत्पादकता में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है.
माइक्रोसॉफ्ट ने एक महीने के लिए जापान में ‘वर्क लाइफ च्वाइस चैलेंस समर-2019′ आयोजित किया. ‘वर्किंग रिफॉर्म’ प्रोजेक्ट नाम के इस कार्यक्रम को एक महीने के लिए प्रोयोगिक तौर पर किया गया. इसमें माइक्रोसॉफ्ट जापान ने अपने 2300 कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन के बजाय तीन दिन का अवकाश दिया. इन कर्मचारियों से हफ्ते में केवल चार दिन ही काम करवाया गया. हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी के बदले कर्मचारियों को किसी भी तरह से अपनी बाकी छुट्टियों के साथ कोई समझौता नहीं करना पड़ा.
माइक्रोसॉफ्ट जापान के इस प्रयोग के परिणाम बेहद सकारात्मक रहे. इस प्रयोग से कंपनी की उत्पादकता 39.9 फीसदी बढ़ गई. कर्मचारियों ने इस दौरान छुट्टियां भी कम लीं. कंपनी में 23.1 फीसदी कम बिजली की खपत हुई, 58.7 % कम पृष्ठ प्रिंट किए गए. कंपनी के खर्च में कमी आई.
सप्ताह में औसत काम करने का समय
- अमेरिका 38 घंटे
- कनाडा 36 घंटे
- फ़्रांस /जर्मनी 34 घंटे
- स्कैंडेनेविया देशों 32 घंटे
- चीन और पूर्वी एशिया 60 से अधिक
- भारत 62 से अधिक
- जापान 80 घंटे
भारत सरकार नौ घंटे काम कराने के पक्ष में
भारत में सरकार नौ घंटे काम कराने के पक्ष में है. इसको लेकर सरकार ने वेज कोड ड्राफ्ट रूल्स पेश किया है, जिसमें दफ्तरों में कामकाज का समय आठ घंटे से बढ़ाकर नौ घंटे करने का प्रस्ताव है. हालांकि, अभी यह आठ घंटे ही है.
सभी के लिए फायदेमंद
माइक्रोसॉफ्ट के इस कदम पर कुछ विशषज्ञों का मानना है कि यह प्रयोग हर कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता. जिन कंपनियों को हफ्ते में सातों दिन काम करने की आवश्यकता पड़ती हैं, उन्हें अपना काम चलाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी पड़ेगी. इससे कंपनी के बजट पर बोझ बढ़ सकता है.
जैक मा ने 12 घंटे काम करने की वकालत की थी
जैक मा ने 12 घंटे काम करने की वकालत की थी अलीबाबा के पूर्व सीईओ जैक मा ने एक बैठक में कहा था कि उन्हें ऐसे लोगों की आवश्यकता नहीं है, जो आठ घंटे ही ऑफिस में बिताना चाहते हैं. उन्होंने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक और सप्ताह में छह दिन काम करने की जोरदार वकालत की थी. इसको लेकर उनकी आलोचना हुई थी.