बरसात के मौसम का हर किसी को बेसब्री से इंतजार रहता है। पहली बारिश​ मिट्टी की सौंधी सी खुशबू लेकर आती है। बारिश के पानी, सूखे पड़े पेड़-पौधों को हरा-भरा कर देता है। चारों तरफ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। यह मौसम रंग भी लेकर आता है। बारिश गर्मी से राहत देता है। मगर, हम जरा से भी लापरवाह हुए तो यह मौसम हमें बीमार भी कर सकता है। इस मौसम में ठंडी, गर्मी की तुलना में मौस​मी बीमारियां का खतरा सर्वाधिक होता हैं। डेंगू, ​मलेरिया तो आम है। मगर, जिन लोगों को माइग्रेन की शिकायत होती है, उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आखिर कैसे,आज हम इन्हीं सवालों के जवाब लेकर आए हैं।

ह्युमिडिटी की वजह से माइग्रेन बढ़ता है

वायुमंडलीय दबाव में बदलाव के चलते तापमान में उतार-चढ़ाव होता है, और इसके चलते हमारी रक्त वाहिकाओं में संकुचन और फैलाव होता है। यह आद्रता (ह्युमिडिटी) की वजह से होता है। शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन प्रभावित होता है, जिससे सिर दर्द और माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है। सिर दर्द होने पर व्यक्ति में मानसिक तनाव बढ़ता है। उसका किसी काम में मन नहीं लगता।चीजें प्रभावित होने लगती हैं।

कैसे करें बचाव

1-अगर किसी व्यक्ति को माइग्रेन की समस्या है तो उसे बारिश से खुद को बचाकर रखना चाहिए। यानी भीगने से बचें।
2- अपने आप को हमेशा हाइड्रेट रखें, यानी शरीर में पानी की कमी न होने दें। नियमित अंतराल में पानी पीते रहें।
3-सही व संतुलित आहार लें।
4-माइग्रेन वालों को ​मेडिटेशन-योगा करना चाहिए, यह शरीर को मानसिक आराम देता है। अगर, माइग्रेन की प्रॉब्लम से निजात नहीं मिल रही है तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।