अयोध्या. मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव (Milkipur Assembly By-election) को लेकर अब सियासत की मोर्चे बंदी और समीकरण के सटीक करने साथ बयानबाजी भी तेज हो गई है. अयोध्या की सीट लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के खाते में चली गई थी. जिसके कारण भाजपा के लिए असहज स्थिति बन गई थी. ऐसे में अयोध्या के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी ने बयान दिया है कि मिल्कीपुर उप चुनाव के तिथियों की घोषणा का बहुत दिनों और बेसब्री से इंतजार था. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में परिणाम के बाद जो वातावरण खराब हो गया था उसको अब सुधारने का वक्त आ गया है. हम मजबूती से चुनाव लड़ेंगे और भाजपा प्रत्याशी की जीत दर्ज होगी.

बता दें कि भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर सीट के उपचुनाव (Milkipur Assembly By-election) की डेट जारी कर दी है. भाजपा और सपा इस सीट को हर हाल में जीतने की जुगत में लगे हुए हैं. इस सीट पर 5 फरवरी को मतदान किया जाएगा. वहीं 8 फरवरी को चुनाव के परिणाम घोषित कर दिया जाएगा.

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ये उपचुनाव (Milkipur Assembly By-election) सपा और भाजपा दोनों के लिए महत्वपूर्ण भी है और प्रतिष्ठा का सवाल भी है. दोनों ही पार्टियां मिल्कीपुर सीट हर हाल में जीतना चाहती है. सपा ने उपचुनाव को लेकर कमर कस ली है. वहीं सीएम ने इसके लिए मंत्रियों की टीम उतार दी है. उन्होंने यहां 6 मंत्रियों को काम पर लगा दिया है. इसके अलावा दोनों डिप्टी सीएम भी यहां पर सरकार के पक्ष में माहौल बनाएंगे. इधर खुद सीएम भी यहां पर जनसभाएं करेंगे. उन्होंने खुद इस सीट की जिम्मेदारी ले रखी है.

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उपचुनाव की हार भुलाने में लगे अखिलेश

वहीं अखिलेश यादव ने भी अपने कार्यकर्ताओं को उपचुनाव में मिली हार को भुलाने की सलाह देते हुए बूथ स्तर पर एक्टिव रहने की सलाह दी है. सपा इस सीट पर सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे पर दांव लगा रही है. ऐसे में सपा अपनी सीट को दोबारा अपने झोली में डालना चाह रही है. सपा मिल्कीपुर सीट को 2027 विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल समझकर चुनावी मैदान में उतर रही है.