रायपुर. इस्पात मंत्रालय, भारत सरकार 25 और 26 फरवरी 2022 को कोंणार्क, उड़ीसा में मंत्रालय के साथ ‘’राज्यों के खान और उद्योग मंत्रियों के सम्मेलन’’ की मेजबानी कर रहा है. इस का उद्देश्य वर्तमान और नई खनन परियोजनाओं के खनन पट्टों और पर्यावरणीय मंजूरी से संबंधित मामलों पर विचार करने का एक अवसर प्रदान करना है.

इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने सम्मेलन का उद्घाटन इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, उड़ीसा के इस्पात एवं खान मंत्री प्रफुल्ल कुमार मलिक और मध्य प्रदेश के औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह की उपस्थिति में किया गया है. केंद्र और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी, इस्पात मंत्रालय के अधीन सभी सीपीएसई के अध्यक्ष भी इस अवसर पर उपस्थित थे.

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तुत खनन, विशेष रुप से इस्पात क्षेत्र से संबंधित विषयों पर प्रभावशाली विचार-विमर्श हुआ और प्रतिभागियों द्वारा उसका स्वागत किया गया.

इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों ने खनन और इस्पात निर्माण के मुद्दों पर विशेष रुप से प्रकाश डालते हुए केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की जा रही नीतिगत सहायता का उल्लेख किया और व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए राज्य सरकारों से अपेक्षित सहायता का विस्तार से वर्णन किया. इस अवसर पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुखों ने राज्य सरकारों के सहयोग पर आभार व्यक्त किया और कहा कि वे भविष्य में भी सहयोग की आशा करते हैं.

रामचंद्र प्रसाद सिंह ने उपस्थित विशिष्टजनों को अपशिष्ट से संपदा बनाने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण का स्मरण कराया. इस संबंध में उन्होंने उल्लेख किया कि प्लास्टिक कचरे का इस्पात निर्माण में उपयोग करने के लिए विभिन्न कंपनियों द्वारा संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. पुनर्वास और पुनर्स्थापना के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि केवल वे कंपनियां लंबे समय तक लाभ प्रदान करने में सक्षम होंगी जो सामाजिक पूंजी का सकारात्मक उपयोग कर सकती हैं और स्थानीय आबादी को वापस लाभ पहुंचा सकती हैं. इसी प्रकार भारत तभी कामयाब हो सकता है, जब इस क्षेत्र की सभी कंपनियों को एक समान अवसर उपलब्ध हों. इस विजन को एक निश्चित दिशा देने के लिए द्वितीयक इस्पात कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक नीति की आवश्यकता है.

इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने लगभग पांच घण्टों तक चले सत्र के दौरान प्रतिनिधियों के बीच विचार विमर्श का स्वागत किया इस दौरान सभी पक्षों से प्रासंगिक जानकारी प्राप्त हुई. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विचार-विमर्श से उत्पन्न विषयों पर ध्यान देने और उनका समाधान करने की आवश्यकता है. उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि राज्य सरकारों के साथ सकारात्मक जुड़ाव के संबंध में प्राधन मंत्री के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सरकार द्वारा इस प्रकार के और अधिक सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे.

मध्य प्रदेश के औद्योगिक एवं निवेश संवर्धन मंत्री राजवर्धन सिंह ने औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक भूमि, कच्चे माल आदि की उपलब्धता के संबंध में मध्य प्रदेश में उपलब्ध सुविधाओं की चर्चा की और कहा कि सरकार ने निवेश के लिए उचित पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित किया है.

उड़ीसा सरकार के इस्पात एवं खान मंत्री प्रफुल्ल कुमार मलिक ने कोणार्क का चयन सम्मेलन स्थल के रुप में करने के लिए केंद्रीय इस्पात मंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उडीसा में एक प्रगतिशील और स्थिर सरकार है जो राज्य में खनिज दोहन के लिए पहले से ही अनूकूल वातावरण का समर्थन करने के लिए हर संभव कार्य कर रही है.