रायपुर। सदन में मंगलवार को देशी-अंग्रेज़ी शराब की आपूर्ति, ओवर रेट और अवैध विक्रय का मामला उठा. भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल किया कि क्या मामले में प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज होगी? इस पर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ जांच की जाएगी. अनियमितता सामने आने पर आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा. इसे भी पढ़ें : सदन में गूंजा सरकारी विभागों में फर्जी जाति प्रमाणपत्र के जरिए नौकरी का मुद्दा, मंत्री ने बताया 232 मामले हैं दर्ज…

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सदन में मामला उठाते कहा कि किस नीति के आधार पर शराब की ख़रीदी की जाती है? मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि शराब नीति बनी हुई है. मांग के अनुपात में शराब कंपनियों से इसकी आपूर्ति की जाती है. टेंडर के माध्यम से ख़रीदी की जाती है.

राजेश मूणत ने पूछा कि 2019 से 23 तक छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ तीन कंपनी ही सप्लाई करती रही? देशी और विदेशी शराब में कितनी कंपनियों ने टेंडर में हिस्सा लिया. श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- राज्य में देशी शराब के तीन ही उत्पादक हैं. इसलिए तीन टेंडर ही आए. राजेश मूणत ने कहा- 2018-19 में 37, 2019-20 में 67 और इसके बाद 21 फ़र्मों ने टेंडर में भाग लिया था. इसके बाद संख्या कम हो गई.

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स्पीकर डॉक्टर रमन सिंह ने राजेश मूणत से कहा कि आपको ना देशी से मतलब है और ना विदेशी से फिर क्यों सवाल कर रहे हैं. मूणत ने कहा कि मतलब इसलिए है क्योंकि शराब से ही छत्तीसगढ़ में ईडी की जांच शुरू हुई. मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- शासन की नीति थी कि देशी शराब के लिए छत्तीसगढ़ के डिस्टलरी ही टेंडर में शामिल होगी. जिलो को आठ ज़ोन में बाँटकर तीनों डिस्टलरी से सप्लाई की जाती थी.

राजेश मूणत ने कहा कि पांच साल तक एक ही कंपनी ने सप्लाई की है. ये हाल अंधा बांटे रेवड़ी चुन चुन कर दे वाला मामला है. क्या पांच साल तक सप्लाई के लिए एक ही डिस्टलरी को काम दिया गया. मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा- टेंडर में सबसे कम दर की वजह से एक ही कंपनी को सप्लाई का काम दिया गया. दर कम आएगी तो आगे भी कम देंगे.

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राजेश मूणत ने कहा कि सरकारी शराब दुकानों में दो तरह की शराब बेची जाती थी. एक वैध और दूसरा अवैध. अवैध बेचने वालों के ख़िलाफ़ प्रकरण दर्ज किए गए, लेकिन एक भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. प्लेसमेंट एजेंसी के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं हुई. पांच साल में 157 प्रकरण बने और सिर्फ़ दो व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई हुई. सरकारी दुकानों से अवैध शराब बेचने के पूरे राज्य में 567 प्रकरण बनाये गये, लेकिन कार्रवाई पांच पर ही हुई. क्या इस मामले की जांच कराई जाएगी.

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सदस्य का आँकड़ा सही नहीं है. प्लेसमेंट एजेंसी के 500 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई है. राजेश मूणत ने पूछा कि जिन लोगों ने छत्तीसगढ़ के राजस्व में डाका डाला क्या उनके खिलाफ कार्रवाई होगी? मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इस मामले में ईडी और एसीबी जांच कर रही है.

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इस पर राजेश मूणत ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी ने सरकारी दुकानों से अवैध शराब खपाया. डुप्लीकेट होलोग्राम का इस्तेमाल किया गया. छत्तीसगढ़ के राजस्व में योजनाबद्ध तरीक़े से डाका डाला गया. क्या ये प्लेसमेंट एजेंसी आज भी काम कर रही है? मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि प्लेसमेंट एजेंसी आज भी कार्य कर रही है. इस मामले की जांच अब भी चल रही है. जो जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. मंत्री ने कहा कि प्लेसमेंट एजेंसी ने अपने कर्मचारियों को बचाने का प्रयास नहीं किया. जब-जब मामले आये, कार्रवाई की जाती रही.