कुंदन कुमार/पटना: बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार सरकार के मंत्री दिलीप जायसवाल ने बीपीएससी अभ्यर्थियों को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि बीपीएससी अभ्यर्थी जो मांग कर रहे हैं और जिस तरह का आंदोलन कर रहे हैं. वह पूरी तरह से गलत है, उन्होंने कहा कि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है. बावजूद इसके वह बीपीएससी की पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. हम अभ्यर्थियों से कहेंगे कि वह कोई ना कोई साक्ष्य सामने लाएं, उसके बाद ही आयोग इसको लेकर उनसे कोई बात करेगा.
‘अभ्यर्थियों को बहकाने का काम’
फिलहाल बिहार लोक सेवा आयोग किसी भी तरह के निर्णय को लेने के लिए स्वतंत्र होता है. जिस तरह से परीक्षा ली गई और एक केंद्र पर गड़बड़ी पाई गई, तो आयोग ने अपने ही इच्छा से उस केंद्र के पूरे परीक्षा को रद्द किया है, फिर से वहां परीक्षा होने वाला है, लेकिन अभ्यर्थी पूरे बिहार में सभी परीक्षा केंद्र के परीक्षा रद्द करवाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यह आंदोलन जो गर्दनीबाग धरना स्थल पर चल रहा है. वहां पर कई राजनीतिक पार्टी के लोग भी पहुंच जा रहे हैं और अभ्यर्थियों को बहकाने का काम कर रहे हैं. यह कहीं से भी ठीक नहीं है.
‘आग में घी डालने का काम’
दिलीप जायसवाल ने साफ-साफ कहा कि अभ्यर्थियों को समझना होगा कि आयोग ने जो निर्णय लिया है. वह कहीं ना कहीं पूरी तरह से ठीक है. साथ ही दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि अगर किसी भी अभ्यर्थी के पास कहीं भी प्रश्न पत्र लीक होने का कोई साक्ष्य है, तो आयोग के सामने पेश कर सकते हैं, तब उनकी मांग को जायज माना जाएगा. फिलहाल अभ्यर्थी सिर्फ और सिर्फ आंदोलन कर रहे हैं. प्रदर्शन कर रहे हैं और सबसे बड़ी बात है कि राजनीतिक पार्टियों जो है, उस आंदोलन में आग में घी डालने का काम कर रही है, जो कहीं से भी उचित नहीं है.
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