कोरबा. एक तरफ जहां सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले में सरकारी अनदेखी के चलते विद्यालय की हकीकत बद से बदतर नजर आ रही है. बावजूद इसके धरातल पर कुछ ऐसी तस्वीरें दिख जाती हैं, जिससे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि, शासन-प्रशासन शिक्षा व्यवस्था को लेकर कितना गंभीर है. कुछ ऐसी ही तस्वीर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से आई है.
दरअसल, पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक अंतर्गत सैला संकुल अन्तर्गत ग्राम पंचायत सेमरा के आश्रित मोहल्ला कटेलपारा में प्राथमिक शाला के छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पर मजबूर हैं. स्कूल भवन की हालत जर्जर हो चुकी है. संभावित हादसे को देखते हुए पिछले 3 सालों से स्कूल का संचालन पारा-मोहल्ला और अभी पास के बरगद पेड़ के नीचे में किया जा रहा है. कटेलपारा प्राथमिक शाला के जिस कक्षा में बच्चे पढ़ाई करते थे, उस कक्षा के छत का प्लास्टर टूटकर गिर रहा है. लगभग 3 वर्षों से स्कूल की जर्जर स्थिति को देखते हुए बच्चों को पास के बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है.
शिक्षा विभाग की लापरवाही की वजह से छोटे बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल की स्थिति को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि, शिक्षा विभाग छात्रों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है. ऐसा नहीं है कि प्राथमिक शाला की जर्जर स्थिति से शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी वाकिफ नहीं है. स्कूल में पदस्थ शिक्षकों द्वारा विभाग को व्यक्तिगत तौर पर तो नहीं, लेकिन कई दफा वनांचल क्षेत्र होने की वजह से डाक द्वारा इसकी जानकारी दी जा चुकी है. आज तक कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस स्कूल की सुध लेने नहीं पहुंचा है. जब इस विषय पर खण्ड शिक्षाधिकारी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि इस पर प्रस्ताव बनाकर जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. जल्द ही स्कूल के नए भवन की मांग पूरी हो जाएगी.
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