अमृतांशी जोशी,भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने मां सीता की तुलना आज की तलाकशुदा महिला से की थी. मोहन यादव ने कहा था कि माता सीता ने पूरा जीवन तलाकशुदा जीवन बिताया, उसके बाद आत्महत्या कर ली थी. इस टिप्पणी की गूंज आज सदन में भी सुनाई दी. कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि मोहन यादव पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में माता द्रोपदी और सीता माता को शामिल किया जाए. जिस तरह से आपने कल बयान दिया था उसके बाद विचार करें.
भोपाल में युवा कांग्रेस ने भी उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. एमपी नगर थाने में मोहन यादव के खिलाफ FIR दर्ज कराने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता पहुंचे हैं. एमपी नगर पुलिस को शिकायत आवेदन दिया है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है.
बता दें कि उज्जैन के एक कार्यक्रम में कारसेवकों संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा था कि ‘जिस सीता माता को राम इतना बड़ा युद्ध करके लाए, उन्हें गर्भवती होने पर भी राज्य की मर्यादा के कारण छोड़ना पड़ा. उस सीता माता के बच्चों को जंगल में जन्म लेना पड़ा. वह माता इतने कष्ट के बावजूद भी पति के प्रति कितनी श्रद्धा करती है कि वह कष्टों को भूल कर भगवान राम के जीवन की मंगल कामना करती है.
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आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है. भगवान राम के गुणों को बताने के लिए उन्होंने बच्चों को भी संस्कार दिए’. मंत्री यादव ने उनके धरती में समाने को लेकर भी बात कही और कहा कि ‘आज की भाषा में इसे आत्महत्या कहा जाता है’.
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