रायपुर। देश की चुनाव प्रक्रिया के शुद्धिकरण के लिए शुरू किया गया इलेक्टोरल बॉन्ड अब विवादों के घेरे में है. प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसे दो नंबर की रकम को एक नंबर करने का जरिया बताते हुए केंद्र की भाजपा सरकार को इसे अपने स्वार्थ के लिए उपयोग में लाने का आरोप लगाया.

मंत्री टीएस सिंहदेव ने लल्लूराम डॉट कॉम से इस विषय पर लंबी चर्चा की, जिसमें उन्होंने कहा कि वास्तविक तौर पर बहुत इलेक्टोरल बॉन्ड बड़ा छलावा है. इसे ऐसा प्रोजेक्ट किया गया कि इसके इस्तेमाल से चुनाव के खर्च पारदर्शी हो जाएंगे. खर्च अकाउंटेट हो जाएगा, तमाम खर्च एक नंबर में होंगे. लेकिन वास्तविकता यह है कि एक दल राजनीतिक दल स्पष्ट रूप से अपने उपयोग के लिए इसको इस्तेमाल कर रहा है. इसके साथ ही दो दूसरी बात सामने आ रही है कि इसके जरिए दो नंबर का पैसा पार्टियों के खाते में पहुंच रहा है, क्योंकि आपने कह रखा है कि इसमें कोई पूछताछ नहीं होगी, यह आरटीआई में नहीं रहेगा.

सिंहदेव ने कहा कि रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग की आपत्तियों को दरकिनार कर (केंद्र) सरकार ने इसे लागू किया. दरअसल, यह सरकार के काम करने का जो तरीका है, हमारी जो बुनियादी संस्थाएं हैं, उनकी स्वायत्तता, अधिकार और राय को किनारे कर अपने स्वार्थ के लिए इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसका परिणाम देखिए. पहली बार जब इसका उपयोग किया गया तो 200-220 करोड़ रुपए आए, जिसका 95 प्रतिशत राशि भारतीय जनता पार्टी के खाते में गया. और अब 6000 करोड़ रुपए. दरअसल, यह कच्चा को पक्का करने का का तरीका है, क्योंकि यह पैसा कहां से आ रहा है. किसी को यह नहीं पता चल रहा है.

प्रदेश के कद्दावर मंत्री ने कहा कि ऐसी बात भी नहीं है कि बॉड से ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बॉड के माध्यम से लाभ किसको मिल रहा है. अगर इतने सारे उद्योगपति हैं, या इतने सारे लोग है, जो कि देंगे तो क्या पूरे हिन्दुस्तान के उद्योगपति हैं, वो भाजपाई है, ऐसा कैसे हो सकता है. पर ये हो क्या हो रहा है कि जितना पैसा आ रहा है एक ही दल के खाते में चले जा रहा है. और अनएकाउंटेड मनी. अनअकाउंटेड उस नाते कि कहने के लिए आप कहोगे उद्योगपति ने अपने खाते में दिखाया होगा. लेकिन इसके जरिए दो नंबर का पैसा एक नंबर का हो रहा है.

मंत्री ने कहा कि अनअकाउंटेड फॉर मनी कहा जा सकता है कि ये पैसा आप बॉड के माध्यम से राजनीतिक दल के खाते में ला रहे हैं. उतनी बड़ी राशि आपके खाते में आ रही है, क्यों…क्यों…आपने रिजर्व बैंक की राय क्यों नहीं मानी. जब उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है, इसमें काला धन सफेद होगा, तो आपने क्यों नहीं माना. जो पैसों की बात है वह तो अपनी जगह है, पैसो के बाहर संविधान की मूल संस्थाएं रिजर्व बैंक और चुनाव आयोग उसको दरकिनार करके आप निर्णय लेकर अपने उपयोग में ला रहे हैं. अपने उपयोग का क्यों..क्योंकि वह दिख रहा है.

उन्होंने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड सभी (राजनीतिक दलों) के उपयोग का नहीं है क्योंकि वह एक पार्टी को जा रहा है. 95 प्रतिशत राशि एक पार्टी को जा रही है. 6000 करोड़ रुपए आता है, तो 5700 करोड़ भारतीय जनता पार्टी को जा रहा है. क्या हो रहा है. देश में यह क्या हो रहा है. हम सब यह कहें कि यह सब शुद्धिकरण के लिए हो रहा है. और हम कहें वाह, वाह, वाह बहुत अच्छा निर्णय है…

सिंहदेव ने मोदी सरकार पर बुनियादी संस्थाओं को ओवररुल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे जो देश का संवैधानिक ढांचा वही ध्वस्त हो जाएगा, और वही ये चाहते हैं. इनके लिए कोई मोल नहीं है. क्योंकि उसको बनाने में कोई योगदान नहीं रहा है. इनका योगदान ही नहीं रहा है तो उसके प्रति प्रतिबद्धता कैसे होगी. क्योंकि बार-बार यह बात उठ कर आती है, नया संविधान, नया संविधान..तो यह नया संविधान है कि अनअकाउंटेड फॉर मनी सब आपके खाते में चले जाए. जो आपके मन को ठीक लग रहा कर लो. क्योंकि सामने कोई बोल ही नहीं रहा है. चुनाव आप जीत ही जाते हो, येन-केन प्रकारेण आप जीत ही जाते हो, बस हम जो कर रहे हैं, सब ठीक है.

मंत्री ने इसे गलत बताते हुए कहा कि स्वायत्त संस्थाओं को ओवररुल कर आप इस तरह से करते हैं, तो देश के प्रजातांत्रिक भविष्य के ऊपर बड़ा कुठाराघात है. यह कौन सी सोच है राज्यसभा में मिलेट्री का ड्रेस पहनकर, क्या हो रहा है देश में, क्या हो गया है देशवासियों को कि उबाल ही नहीं आ रहा है. देश के पुराने सैनिक, सेना प्रमुख और बाकि राज्यसभा में मार्शन के ड्रेस कोड को लेकर आपत्ति कर रहे हैं, सेना प्रमुख की तरह मार्शल का ड्रेस कोड… क्या आप तानाशाही लाने की तैयारी कर रहे हो, आर्मी के प्रतिनिधि के तौर पर वहां ला रहे हो. कल के दिन वहां आर्मी आकर खड़ी हो जाए.

उन्होंने कहा कि हम लोगों को जागने की जरूरत है. ये जो देश में हो रहा है ये खेल बहुत गंभीर, गहरा खेल हो रहा है. आपने यूनिवर्सिटी की फीस बढ़ा दी, और बच्चे अगर विरोध कर रहे हैं, तो आप कह रहे हो कि वे नक्सलाइट हैं. आपने क्योंकि विरोध किया तो आप नक्सलाइट हो गए. आवाज दबाने के लिए किस प्रकार के शब्दों का और कानून का उपयोग किया जा रहा है. 10 हजार लोग भारतीय जनता पार्टी के झारखंड में एक जिले में सेडिशन के केस में हैं. क्या हो रहा है इस देश में. तो यह अत्यधिक चिंता की स्थित है. और बॉन्ड के माध्यम से ये जो सामने आ रहा है कि बहुत गहरा षड़यंत्र देश के संवैधानिक ढांचे को तोड़ने का चल रहा है, और हमको जागना चाहिए. पार्टी की बात नहीं है, देशवासियों को जागना चाहिए और रिएक्ट करना चाहिए.

देखिए वीडियो : [embedyt] https://www.youtube.com/watch?v=fGF-Oxqo3Ss[/embedyt]