लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद। समाज कल्याण मंत्री अनिला भेड़िया ने छह महीने पहले विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखा था, लेकिन अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंगी. नतीजा अब तक दो मूकबधिर मासूमों को श्रवण यंत्र नहीं मिला है. शिक्षा से वंचित बच्चों की स्थिति को जानने के बाद मंत्री ने कलेक्टर से जानकारी लेने की बात कही है.

मंत्री अनिला भेड़िया के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव के दो मूक-बधिर बच्चों 7 वर्षीय तिशा और 6 वर्षीय पंकज को विभाग की ओर से श्रवण यंत्र दिया जाना है, जिससे बच्चे अंधकारमय जीवन से बाहर निकल आम बच्चों की तरह बोल और सुन सके. बच्चों के माता-पिता के पास उतना पैसे नहीं की अपने बच्चे के लिए मशीन खरीद सकें. लिहाजा, परिजनों ने क्षेत्रीय विधायक व मंत्री अनिला भेड़िया से श्रवण यंत्र दिलाने आवेदन किया था.

मंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए तत्काल अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई कर बच्चों की जांच करा श्रवण यंत्र दिलाने के निर्देश दिए थे. कंपनी ने बच्चों के कान की जांच कर श्रवण यंत्र की राशि की कोटेशन विभागीय मंत्री को भेजा था, जिसे मंत्री ने 16 दिसंबर 2021 को त्वरित कार्रवाई करने के लिए बालोद कलेक्टर को भेजा. लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी जिला प्रशासन व समाज कल्याण विभाग दो मूकबधिर मासूमों को श्रवण यंत्र नहीं दे पाया है.

समाज कल्याण विभाग बालोद के उपसंचालक से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा 15 दिन पहले मुझे पत्र प्राप्त हुआ, जिसका नास्ति बनाकर कलेक्टर को भेज दिया हूं. वहीं मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है मेरे विधानसभा का मामला था. मैंने कलेक्टर को पत्र भेज दिया था. अभी तक बच्चों को यंत्र क्यों नहीं मिला है. इस बात की मैं जानकारी ले लेती हूं. बहरहाल, प्रशासन की इस सुस्त चाल से दो मासूम शिक्षा से महरुम हैं.